हसते लोचन रोते प्राण | Haste Lochan Rote Pran

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Haste Lochan Rote Pran by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्रम गति दे दर्द के मुह पर हसी है. सासों वाले तार चढ गये देने को केवल परिचय है बदनसीवों मे हुआ सरनाम वैरागी सपना घर लौटा लोट सुद्दागिन इयामा भाई नींद नही थाने की चह-बह जाते हैं ये लोचन निशि में न पढ़ाना वीर शेष अभी तस्वीर पथ मे मेरी काया घेरी कैसी तेरी पीर टूठा तारा आदमी को झादमी भासु बनाता है नाम न लो झाराम का सुजन बरने को हम मजबूर हैं सावन गाये ब्याही बेटी कही श्रम हो जाये बागी चू गया आसू सुरा मे भाख से सास का हर तार वीणा बन गया है. फूलों से निकलेंगे काटे स्वर ऐसा न कमो सोता था महके फूल रातरानी के सेज बिछ गई हरसिंगार को रोम-रोम में फूल खिले हैं चेतना सोती नहीं अब रात में भी कै पड दे रद सन न




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