अद्वैत वेदान्त | Advait Vedant
श्रेणी : इतिहास / History, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.46 MB
कुल पष्ठ :
413
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. राममूर्ति शर्मा - Dr. Rammurti Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अचुक्रम
१ : विपय-प्रवेश
दर्शन के क्षेत्र में बद्देतवाद का स्थान १--श्रं
घ्याप ददन और अद्देत वेदास्त प्र
न्यायदर्थेन की संक्षिप्त रूपरेखा, ४; प्राचीन और नव्य-न्याव, ५-६; प्राचीन भौर
नव्य न्याय में अन्तर,६; न्याय दर्गत की प्रक्रिया, ६; न्यायदर्शन में आत्मा और मुक्ति
का स्वरूप, ७; नयाधिक की श्रस्पयार्यानि, ७3, न्यायदर्थन और असत्कार्यवाद, ७-८;
जद्दत वेदान्त गौर न्यायदयेन को तुलनात्मक समीक्षा, ८; न्याय और अईत वेदान्त
की मूर्ति, €- ११३
वेश पिक दर्शन आौर अद्देत वेदान्त ११
वेगेपिक दर्शन की संक्षिप्त रुपरेखा, ११-१२; वेगेपिक का परमाणुकारणवाद, १२;
ईदवर, १२-१३; वैचें पिक दर्जन और अद्धत वेदान्त को तुलनात्मक समीक्षा, १३-१४ |
सांय्य और अद्देत वेदान्त दर्शन ४
सांख्य दर्जन की संभिप्त रूपरेखा, १४; सांखय का अथ, १४; सांख्य दर्दन की प्राचीनता
भौर उसके अनेक रुप, १५ उपनिपद् तथा भगवद्गीतावर्ती सांल्य, १४; महाभारत-
वर्ती तथा पौराणिक सांख्य, १५; चरक सांख्य, १५; ब्रह्म सुत्र तथा सांस्यका रिका का
सांख्य, १४५; विज्ञानभिक्ष द्वारा प्रतिपादित सांख्य, १४; सांल्य दर्शन बौर कार्य-कारण-
वाद, १५-१६; प्रकृति, १६-१७; गुण, १७-१८; पुष्प, १८-१९; पुरुपवडुत्व, १६;
प्रकृति चुरुप एवं पुष्टि, १९-२१ जुद्ति, २१५ जीचन्पवित कोर विदेद-भुवित २१-९२
ईव्वर, २२; अत वेदान्त भौर सांख्य दर्शन की तुलनात्मक समीक्षा, २३-२४ ।
महूत चेदान्त भीर योपदर्शन २४०
योगदर्थन की संक्षिप्त रुपरेखा, २४-२५; योग दाब्द का बथें, २५-२६ योगदंन में
चित्त का स्वरूप, २६--क्षिप्त, २६; मु, २६; विध्षिप्त, २६; एकाग्र, २६-२७; निरुद्ध,
२७; वृत्तियों का स्वरूप विवेयन, २७; प्रमाण, २७; विपर्यय, २७; विकल्प, २७; निद्धा,
२७; रमति, २७; सस्कार, २८ ; यो गंदर्गन का वलेंग सम्बन्धी दृष्टिकोण, २८; मविद्या,
२८; अस्मिता, २५; राग, २८; द्वेप, २८; अभिनिदेश, २९; योग के सघन, २६--यम,
२४; नियम, २९६; आसन, २६; प्राणायाम, ३०; प्रत्याह्मार, ३०; घारणा, ३०; ध्यान,
User Reviews
No Reviews | Add Yours...