शिक्षा और संस्कृति | Shiksha Aur Sanskriti

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Shiksha Aur Sanskriti by Ramanand Tiwari Bhartinandan - रामानन्द तिवारी भारतीनंदन

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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थिक्षां और जीवन १७ जीवन को समृद्ध बनाती है । भौतिक श्रौर बौद्धिक जीवन के सम्तुलित समन्वय के द्वारा तथा क्रीड़ा एवं कला की व्यावहारिक शिक्षा के सुत्र से जीवन की परिणति संस्कृति में होती है । श्रपने पूर्णरूप में दिक्षा इसी परिणति की प्रणाली है । इसी परिणति में क्ृताथे होकर दिक्षा मानवीय जीवन श्रौर उसके विकास का प्रशंसनीय पर्याय वसती है ।




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