ग्रामीण हिंदी | Grameen Hindi

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Grameen Hindi by धीरेन्द्र वर्मा - Dheerendra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अर काकरथपारतासगररामसािाविनिलधिकाम्तादकणणाणारकिासकालिए) तपिए मर लिन अल... कि ० अ दी कि पार 2 स्िपिपाएए: साथ पकपससपासकशाद तरस मरसकमसपसंए 1 क गन फ क कं दी रद , 2 ............ आमीण हिन्दी संख्या ३ेप लाख के लगभग हो जाती हे जा स्तिटज़रलंड को जन . संख्या से टक्कर लेने लगती है। छत्तीसगढ़ी में पुराना साहित्य बिल्कुल ... भी नहीं है। कुछ नई बाज़ारू किताबें अवश्य छुपी हैं ; दर बिहारी उपसाषा री ह बिद्दारी उपभाषा के अन्तयत तीन ग्रामीण बोलियाँ मानी जाती हूँ--भाजपुरी, मैथिली तथा मगही .......... बिहार के शाहाबाद जिले में भोजपुर एक छोटा सा कस्बा और .. षगना है । भोजपुरी बोली का नाम इसी स्थान से पड़ा है यद्यपि यह का मोजदरों: फू दूर तक बोली जाती है । भोजपुरी .बनारस, ।। ः मेज़ापुर, जोनपुर, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, ... बस्ती, आजमगढ़, शाहाबाद, चम्पारन, सारन तथा छोटा नागपुर तक ... फैली पड़ी है। भोजपुरी बोलने वालों की संख्या पूरे २ करोड़ के ! गभग है । भोजपुरी में साहित्य विशेष नहीं है। संस्कृत का केन्द्र ... होने के अतिरिक्त काशी हिन्दी का भी प्राचीन केन्द्र रहा है किन्ठु/ 1जपुरी बोली से घिरे रहने पर भी इस बोली का प्रयोग साहित्य से कम! । . भी विशेष नहीं किया गया । काशी में रहते हुए भी. कविगण प्राचीन | हक काल सम जज तथा झ्वघी में और श्राघुनिक काल में आधुनिक साहि-. ... त्विक दी के खड़ीबाली हिन्दी में लिखते रहें हैं। भाषा सम्बन्धी कुछ साम्यों .. दा बोली. बिहार प्रान्त से सगा के उत्तर से दभगा ... आसपास बाली जाती हैं । इसम लिखा कुछ प्राचीन साहित्य भी उप-7 प्‌ हि लब्घ है। मेथिली कवियों में विद्यापति का नाम उनके पदों के कारण सबसे अधिक प्रसि




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