अलंकार - प्रकाश और पिंगल - कौमुदी | Alankar - Prakash Aur Pingal - Kaumudi

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Alankar - Prakash Aur Pingal - Kaumudi by आर्येन्द्र शर्मा - Aaryendra Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७. ) यहाँ 'कनकः में श्लेष शब्दालझ्लार है । 'कनक” का अथ है, सोना आर धतूरे का ब्रक्ष । यदि “कनकः” के स्थान पर “कान या 'सुवण” झादि अन्य कोई समानाथंक शब्द रख दिया जाय तो यह अलझ्लार नहीं रहेगा । अथालकझ्लारों में चमत्कार अथे पर आश्रित होता है, इसलिये शब्दों के बदल देने पर भी अलझ्लार बना रहता है । जैस :-- सोभा सींव सुभग दोउ वीरा, नील-पीत-जलजात-सरीरा । यहाँ नीले और पीले जलजातों (कमलों) के समान शरीर वाले” यह उपमा अथोलड्लार है । 'जलजातः के बदल कर 'कमत्नः “सरोज” आदि कोई भी शब्द रखा जा सकता है।




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