मानिक बिलास | maanik bilas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१5
नक कौन हमारा हो ॥ जाकल० २ ॥ इस
अभ्यास किये पावत हैं परमानंद अपारा
हो । मानिक ये ही सार जानिके की जे बा-
रंबारा हो । जाकुद० ॥ ३॥
१५ पदु-रःग समदीटी
सुधथिर चित्त कार अहनिशि निश्मुय की जे
येम विचारा हो ॥ टेक ॥
में चित झान रुप है मेसो पर जीव निर-
घारा हो ॥ सुधिर० ९0 बम भव कारण दुख
बंधन सम संवर है सुखकारो हां । चिर
चिभावता भरण निजरा सिद्ध स्वरूप ह-
मारा हो ॥ सुधिर० २। घनि घनि जनजिन
यह चिचार क्रि महा सोह निरयारा हो 1
तिनके चरण कमल प्रति मानिक युगल
पाणि शिर धारा हो ॥ सुधिर०
चर
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