जायसी साहित्य पर आधारित मध्यकालीन भारत का सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास | Jayasi Sahitya Par Adarit Madyakalin Bharat Ka Samajik Aevam Sanskritik Ithihas

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Jayasi Sahitya Par Adarit Madyakalin Bharat Ka Samajik Aevam Sanskritik Ithihas by एस. पी. पाठक - S. P. Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६59 ईए मानते हैं” सैयद कल्बे मुस्तफा ने गुलाम सरवर लाहौरी तथा अब्दुल कादिर आदि के साक्ष्य पर जायसी की मृत्यु-तिथि 1049 हि0 सन्‌ 1639 ई0 माना है।”” किन्तु इस तिथि को मानने में सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि इसके अनुसार पद्मावत की रचना के उपरान्त जायसी 102 वर्ष तक जीवित रहे जबकि पद्मावत की रचना के समय कवि अपनी वृद्धावस्था का वर्णन कर चुका है जिसे देखते हुए 'पद्मावत' की रचना के बाद कवि का 102 वर्ष जीवित रहना असंभव है। पंडित चन्द्रबली पाण्डेय का मत है कि काली नसीरूदूदीन हुसैन जायसी ने जो मृतयु तिथि दी है, वह ठीक और प्रामाणिक है।”” किन्तु रामचन्द शुक्ल ने इस तिथि पर संदेह व्यक्त करते हुए लिखा है कि यह काल कहाँ तक ठीक है नहीं कहा जा सकता। इसे ठीक मानने पर जायसी दीघयु नहीं उहरते। उनका परलौकवास 49 वर्ष से भी कम की अवस्था में सिद्ध होता है।””. वास्तव में शुक्ल जी ने जायसी की जन्म तिथि 900 हि0 स्वीकार कर ली है। इसलिए यह सन्देह उन्हें हुआ है। डा0 राम पूजन तिवारी के अनुसार जन्म तिथि 870 हि0 मानने पर मृत्यु के समय 79 वर्ष जायसी की अवस्था ठहरती है जिसकी जायसी की रचनाओं में है कि मृत्यु तिथि 949 हि0 या 1542 ई0 ही मानना युक्ति संगत प्रतीत होता है।”” जायसी की रचनाओं में वर्णित तिथियों के आधार पर भी जायसी की तिथि यही सही प्रतीत होती है। वर्णित सभी तिथियों से संगति बैठ जाती है। डॉ0 रामपूजन तिवारी का कहना |




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