उत्तरांचल क्षेत्र में वन पंचायतों की प्रबन्धकीय सफलता का एक अवलोकन | Uttaranchal Kshetra Men Wan Panchayato Ki Prabandhakiy Safalata Ka Ek Awalokan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
18
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)13
णो
वन विभाग को वन पंचायतों के संरक्षण के लिये समय-2 पर राय देनी चाहिए।
वन पंचायत की मूषि व वनों पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति को सख्त से सख्त सज़ा देने का प्राविधान होना
चाहिए और जो व्यवित वन पंचायत के वनों पर जुर्म करने पर दण्ड नहीं भरते है उनको भी कठोर सज़ा मिलनी
चाहिए क्योंकि दण्ड वसूली जब्त हथियारों व अन्य सामान की नीलामी से ही पंचायत की आय होती है|
गांव के लोगों में सामूहिक पनीकरण की भावना विकसित करना भी आवश्यक होगा जिसमें गांव में स्थित युवा
केन्द्र गुख्य भूषिका निभा सकते है और पंचायत सदस्यों के सामाजिक दबाव को भी इन केन्द्रों के माध्यम से दूर
फिया जा सकता है।
वन पंचायत इन्सपेवटर को समय-समय पर पंचायती वनों में ग्रगण करते रहना चाहिये इससे जहाँ वनों पर
नुकसान करने चाले डरे व सहें रहेंगे वहीं दूसरी ओर लोगों का पंचायती वनों पर विश्वास बढ़ेगा और वनों के
बचाव में उनकी 'गागीदारी बढ़ेगी |
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