चतुरसेन के उपन्यासों में इतिहास का चित्रण | Chatursen Ke Upanyason Mein Itihas Ka Chitran
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
312
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गे चतुरसेन के उपन्यासों थे इतिहास दा चिदरा
सूल्याकन वा दास्वीय झ्ाघार प्रस्तुत बरने के प्रयत्न के अतिरिक्त बोर झन्य रिदा-निइंश
उनके शोध प्रबन्ध से प्राप्त नहीं होता । दा० सिंहल दा प्रदन्घ श्री दर्मा जो के ऐदिहासिए
उपन्यासों से सम्बन्धित है, परन्तु उन्होंने इठिहान-निप्ट-साहित्य के मुल्यावन का काई
झाधार बनाने वी चेप्टा नहीं वी है । फिर भी ऐतिहासिक उपन्यास दी परख वे दिये उनके
बनाए मार्ग से प्रस्तुत दोघ-कर्त्ता को झवध्य जुछ सहायता मिली । इसके अतिरिक्त नाए-
पुर विश्वविद्यासय से डा० योदिन्दप्रसाद दर्मा को १२५८ से “हिन्दी दे ऐठिहानिय
उपन्यासों वा झालोंच नात्मक झप्ययन' दिपय पर पी-एच० हो० को उपाधि मिली है ।
उन्होंने सी उपयुक्त झमाद वी प्रति नहीं वो है भोर ना ही इनदा शोधघ-प्रदन्घ प्रदाशित
हुमा है । एक भर इति उल्लेखनीय है डा० गोपीवाप तिवारी की ऐठिहासिए' उपन्यास
भौर उपस्यासरार । इस लघु पुस्तिदा में लेसक ने ट्न्दी के ऐतिहासिक उपन्यास श्ौर
उपन्यासवारों की सूची भर उनदा संक्षिप्त परिचय-मात्र प्रस्तुत दिया है । परन्तु ऐठिहा-
सित उपन्यासों वो दास्त्रीय समीक्षा दी आओर दे मी दत्त चित्त नहीं हुये हैं। इस पर भी
उनकी यह इति हिन्दी के ऐतिहासिक उपन्यासों का विधिवत थ्रनुशीलन बरने के लिये
प्रेरणा प्रदान बरती है भौर एक प्रकार से इस विपय वा नेतृत्व द रनों हैं 1
प्रस्तुत शोष-वर्त्ता ने झपने प्रयास म एक शोर तो चतुरसेन-साट्त्य के भ्रष्ययन
वा पथ भ्रशस्त बरने का प्रयत्न दिया है ौर द्रसरो झोर इतिहास-निप्ठ झयदा इतिहास
पर झाधारित साहित्य के सुल्यावन का शास्थीय झ्राचार झपने प्रूवंदर्तों तेखखों से वहीं
झधिष' स्पप्ट रुप मे झोर भविक परिमाण मे प्रस्तुत करने का अयल दिया है। इनी
झाधघार पर बह यह दावा पर सकता हैं कि उनने श्रपने विपय से सम्दर्धिते अध्ययन को ग्रद्र-
सर विया हैं और नावी झनुस घित्नुम्रो के लिये नवीन दिशा-निदंध दिया हैं। यही उसका
सर्वाघिक मौलिक योगदान हैं ।
ना०िनाण
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