आधुनिक चिकित्सा शास्त्र | Aadhunik Chikitsa Shastra

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Aadhunik Chikitsa Shastra  by धर्मदत्त वैध - Dharmdatt Vaidh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय चृहदन्त्र (00100) के रोग सक्तामक प्रवाहिका (8&लाघ्ाए एऐप्8८एपटाप ) सक्तामक जीणं अतिसार ( औए०9ढजंट ए0प्रउडपटएप ) यकृद्टिद्रघि (एटा 08065) रतातिसार ए1८6८78घ४८ 0०८58 वातिक वृहुदन्त्र घोष (एलंघ्डाजि८ (0100 ) आयुर्वेद में प्रवाहिका आयुर्वेद से रकक्‍्तातिसार विषूचिका ( 00०८7) आयुर्वेद में विषूचिका आन्त्र युल्म (506८0ताठ05 ) आयुर्वेद में आन्त्र गुल्म उदरदुल (0८6४८ टपंट फ़त्०ठा००88) चिरस्थायी मलबन्ध (0०0४६ 807 ) आयुर्वेद मे मछबन्ध रोग मलाशय कैन्सर (080०८. ण फट .८८६०००) भदच॑सू ( रि16४) आस्त्रिः कृमि (0८८४७) एै०एप्ण5) आयुर्वेद में आन्त्र कृमि यकुद्रोग (107562565 0 घएट पनेएटा ) यकृत्परीक्षा प्रयोगशाला सम्बन्धी यकृद्वोग जनित कामला ( 1पर८्टघ्रज८ सट्फुदपंएंड ) आयुर्वेद में यक़दाश्रित कामला यकुद्दुद्धि ( पप्रशा088 0 फिट 1तएटा ) बाल यकुद्दुद्धि (1एथ्णिधाट (फ्फा०ञंड घी फिट [एटा ) पित्ताशय (८८! 812तव6०) के रोग पि्ताइमरी (068 छि(0065) पित्ताशय क्ञोथ ( ८0०८०95प३) आयुर्वेद मे यकृद्द्द्ध उदर रोग (८००08 ) पृष्ठ संख्या दर ७२ ७७७ ८५ ८९ ९७ ९८ ९९ १०० १०८ १०९ ११ श्१५ ११५ १२३ र्र५ १२७ १३३ २१४७ रू द,०, १४६ १५० १५७ ११७ १७९२ १७६ २१७७ १८० श्८द १८८ श्९३े




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