मुद्रा चलन एवं आधिकोषण | Mudra Chalan Aur Adhikoshan

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Mudra Chalan Aur Adhikoshan by एस. एम. शुक्ल - S. M. Shuklaविजयेन्द्र पल सिंह - Vijayendra pal Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गया तथा विस्तृष् रूप में रेत के सु शूटर र्‌ साधारणतथे ऋणों के भरुगद्न में स्वीकार की जाती है ।”* * प्रो० ऐली का मत है कि मुद्रा ऐसी. कोई भो. वस्तु है जिसका कि न में शी चर विनिमय के माध्यम के रूप में स्वतन्त्रतापूवक हस्तान्तरण होता है श्र जो ऋणों के श्रन्तिम भुगतान में सामान्य रूप में स्वीकार की जाती है ।”* ' डर का कथन है कि :-*“यह ( मुद्रा ) वह चीज है जिसे साघारणत' विनिमय माध्यम मान लिया गया हो; श्र्थात्‌ देना-पावना चुकाने का जो साधन हो श्र साथ ही जो मूल्य की माप और * उसके कोप की. काम करती हो |”? 3 के रूप में उपयोग की ज़ाती है : न कीन्ज के द्नुसारन मुद्रा वह है जिसको देकर कण के प्रसंविदों ((19107'..0108) तथा मूल्य के प्रसंविदों का मुगतान किया जी सकता है आर जिसके रूप में सामान्य क्रय शक्ति का संघय किया जाता है 1”? ४ दि न [| कैंट का बथन है कि मुद्रा एक वस्तु हैं जिस साधा रणुतयां विनि पथ के मध्यम श्थवा मल्य के समान के रुप में सामान्य रुप मं स्वीकार हर हु ? नाक कली न कर न ,.. ध्ीि ल्कन् 0 ५ वाघ के विद्यार मं :-र्नमुद्रा से थे चस्तुयं सम्मिलित होती हैं जो किसी पक समाज में सामान्य रूप में स्वीकार की जाती हैं अर जिनका विनिमय के माध्यम के रूप में स्वतन्बतापूबक हस्तान्तरण होता है” किन्तु कोई जी नुदई नहीं होती है जो सभी स्थानों पर स्वीकार की जाती हो सौर मैदम्पय #. 1... कक वि घादा फ छ दताइपीपत कि [घाटा ना 50001: फाीपए। गुड लिवा।कुड नव कु घाक दि छाती 1 फिबीगी, एफ घातत चलते जप ध5 & दादा 0 पड पर काल 1. हा ताप कद्दू, गिद 1 12 50101 0 लए, नसब्द 0. 0, हि. ७0८ :. फिि िएएक 00169 ििकड 0 की घाएफ 0016 दाह), हि. 21 ् चन्नार 1 १1108 1081 फुकनघ05 दिए] दिए ती द पिधारी दारेनक 11 (1111 एव एरदाधाछुड छत वि. हुत्पाएाव) 9 उत्पपएएपी पाए घी ऐनिटिवाू& 01 पेड, हीना 1] : पुद्रिधडतफािक दीद्ाफितिड 0 विदि0ाप0कए 5, प्र 7. 3... 5८ 0८1५ (एप 107 मुद्रा को रूप रखा, प्र, ९६ लि ही कै...“ फत्िाएक हि दिवा, फिछ हि छेलीििए एव सितप तेलोत, हाल ड, पत0 [100 मा ए(छ05 घाट तीडिधिएकुत छाहती वि 111 5ी1फह एव का पव श नए (1 छुछाकूजूण। [10115 एएफ्रएए वि वेद रद न है, हट रपुलन 05 4 2286 दा शो 0, एफ, द 5 पएरट 15 शा चोद 15 उपाए तब्ल्ते छाती साइन . हो।फ छ00]ह0 853 छ हा 0. (दीप फा व व. 82घ1ए पे. 0 छ106,'” रुठह हा, दी फाह सका किक कै, दे... «-...... । / ५ च्




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