चतुर्विंशतिसंदनाम | Chtuvinstisandanam

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Chtuvinstisandanam by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कि गर्दन; डटाइददोपरटिनस्याव पु पुष्टि प्राप्नोति पुष्यत 1 चुस्व अंग धर्म: र्रगारों परद से पूद्पदंत: 1 भवन: पदार्प शामीष्यपमंगर्दप्यर्तीविष्यिति ” धर्ेज्: । अस्दप जिन- झावकाएकतं स्तमट्रर्ण । ' नानामंतजुवाग ' * नाना अनेक दरबार अनेता अनना: शमेया: नुता: स्तुवा: का पर्मा यरया- गो इत्यादि । सपा पृष्य पुष्टि प्रापन थे परम तनोति पिला - पति पुष्ददूत: ।. अमर प्रममंद्राद परमरद्पदाषद् इनि । उस- शाइयों पुरर्मिति पपनाद, डः 1 क्तें दि मदाभाप्ये पत्र पदार्थस- मुराद श्र्ययत प्रद् नेथ हदर्धर्मिति । सेय: अनेतराक अनेता अवसान- शा पाप यरय सोमतदाव । ननु कपमतयागिति हामामिगयमागिन प्यनिस्तदसंरदमागन गणपरा बिदुर्तिति है सम्यमू । अम्मदादीना सा स्यनेठा एप शानापरणदाने: । पुनः शीगुपार पिया स्यार्मोत्थनेत्रसा शोमनी पारी पम्प से शीमुपाय: । समपतु्न्पात । “ पाएंगे उमें कली पा्मसी शयोरथ ” इति । पार्राम्टीं पहुचयर्नातोप्यस्ति । तदु्के ट्िसे- घानइता सनुसूतां पार इयापतानिता इति । भय धाति थे हुसमताईतिक परप से काति: सामकदेशों नाम्ति । उक्त॑ दि द्िसंपाने * ब्पि शृदिमसशुलता: समागता ” इति । मुद्दे परममम: सुवर्णाम: । यद्रा पाना सुररवितकनककमठानां प्रइष्टा भा दीपि- पंम्मादिति पममभः । मुद्द आर: नास्ति है घने पम्य सौर! निधेष इत्यय: । ” र थर्पगनो धने फाम । मुद्दे विमलपिहु: विन मं बम यपां से दिमला: सगरादयी मदापुरुपार्ठेपां पिद्ुः । पुनः अब दमाना अपम्ठिस केयरपानें यरप से अवर्दमानः । अवाप्यो- रुपसर्पय|रिस्‍्पठोप: । अपिः समावनायां । सुद्दुद अजांक अजा- सिदपनेश्रगा अकें यम्य साजांकः । मय: मछिः वर्मारिजेतृत्या- म्मदामाइ, 1 मुह: नेमि! नपन्ति प्राप्लुयन्ति घमे पुर्टि मव्यज्ञना धस्मादिति नेमि: । उणादिकों मिनू । पुनः नमि! नासि




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