आगमपथ | Aagam Path
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
269
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यह जानकर मुभे प्रसन्नता हुई कि
गम पथ कानजी स्वामी विदोवांक प्रका-
शित कर रहा है। मु विश्वास है कि
उसमें पूज्य स्वामी जी के व्यवित्तत्व और
कतुत्व पर सर्बगीण विवेचन होग। ' इस
पावन कार्य में मेरी शुभ कामनोय आपके
साथ हैं ।
- लेठ प्रमचन्द गोदीका
अध्यक्ष, पंडित टोडरमल स्मारक ट्ररट, जयपुर
मुझे यह जानकर अति प्रमलनता हुई है कि नैतिक मासिक आगमपथ सौराष्ट्
के सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक संत पूज्य श्री कानजी स्वामी जी के जीवन पर एक वृहद
विशेषांक प्रकाशित करने जा रहा है।
पज्य थी कानजी स्वामी ने बीतरागता प्राप्त करने का दिगम्बर जन समाज
को जो मार्ग दिया वह सैकड़ों वर्षों से ओझल हो रहा था । क्रियाकाण्ड में हो वीत-
रागता प्राप्ति को मुख्य रूप से धर्म का मार्ग माना जाने लगा था ऐसे समय में इस
सन्त ने धर्म का सच्चा माग॑ दिखाकर एक अदूभूत क्रान्ति पदा कर दी । सोराष्ट्र
में आपकी प्र रणा से सेकड़ों दिगम्बर मंदिरों व जिन विम्बों का निर्माण हूआ है व
लाखों दिगम्बर जैन वसते हैं ।
जो शास्त्र आज से 50-60 वर्ष पूव॑ तक विद्वानों व पण्डितों के पठन व
वाचन के योग्य समझे जाते थे उन शास्त्रों को झ्राज लाखों लोग अत्यंत सरसता व
श्रद्धा से पढ़ते हैं यह सब पूज्य स्वामी जी की प्रेरणण व उपदेशो का फल है ।
पूज्य स्वामी जी चिरायु हों व युगों तक उनके उपदेशों से लाभान्वित होते
रहें यही कामना है ।
--श्रीमती लेखवती जन
उपाध्यक्ष, हरियाणा विधान सभा, चण्डीगढ़
कहानन्गुरुदेव विशेषांक १७
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