अस्तित्व का मूल्यांकन | Astitva Ka Mulyankan
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
394
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about विदुषी साध्वीरत्न - Vidushi Sadhviratna
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अनुक्रम
पुछांक
वासना की तृप्ति या पूर्ति न्द्६
यौवन की मस्ती में १७२
२. पदार्थ-प्रवृत्ति-परिम्रह का नियंत्रण--एक जटिल समस्या... १७३--१६४
सम्पत्ति सम्पत्ति है विपत्ति नहीं १७५
सफलता की सफलता १७८
महत्त्व का मूल्यांकन १८०
आकर्षण का केन्द्र--पदार्थ श्द२
प्रयास फिर भी परास्त अ १८५
समय की त्वरित गति ः १८७
शाश्वत और अशाश्वत ' 9६०
असंतोष से निराशा व १६३
३. सुख-दुगख का नियंत्रण और रूपान्तरण की प्रक्रिया १६५--२१६
सहारा की अपेक्षा या उपेक्षा १६७
सत्यनिछा संसार के परिपेक्ष में २००
प्रवृत्ति का परिणाम २०३
वास्तविकता के सन्मुख २०६,
विकत्पों की उलझनों में २०६
' मुसीबतों का सामना २१२
अभाव का अभाव -. ' र११
. अभिनय का ,अन्त श्श्प
| तृतीय चरण
१. विस्व प्रतिविम्ब का अनुभव और प्रयोग २२१--२६६
: विषयों की सूर्च्छा के आवर्त में. २२३
भीतर और बाहर की अभिन्नता २२६
ययययययममम्ययमम्यभस पयययन््यर
१७
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