अस्तित्व का मूल्यांकन | Astitva Ka Mulyankan

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Astitva Ka Mulyankan by विदुषी साध्वीरत्न - Vidushi Sadhviratna

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनुक्रम पुछांक वासना की तृप्ति या पूर्ति न्द्६ यौवन की मस्ती में १७२ २. पदार्थ-प्रवृत्ति-परिम्रह का नियंत्रण--एक जटिल समस्या... १७३--१६४ सम्पत्ति सम्पत्ति है विपत्ति नहीं १७५ सफलता की सफलता १७८ महत्त्व का मूल्यांकन १८० आकर्षण का केन्द्र--पदार्थ श्द२ प्रयास फिर भी परास्त अ १८५ समय की त्वरित गति ः १८७ शाश्वत और अशाश्वत ' 9६० असंतोष से निराशा व १६३ ३. सुख-दुगख का नियंत्रण और रूपान्तरण की प्रक्रिया १६५--२१६ सहारा की अपेक्षा या उपेक्षा १६७ सत्यनिछा संसार के परिपेक्ष में २०० प्रवृत्ति का परिणाम २०३ वास्तविकता के सन्मुख २०६, विकत्पों की उलझनों में २०६ ' मुसीबतों का सामना २१२ अभाव का अभाव -. ' र११ . अभिनय का ,अन्त श्श्प | तृतीय चरण १. विस्व प्रतिविम्ब का अनुभव और प्रयोग २२१--२६६ : विषयों की सूर्च्छा के आवर्त में. २२३ भीतर और बाहर की अभिन्नता २२६ ययययययममम्ययमम्यभस पयययन््यर १७




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