अन्तर्राष्ट्रीय संगठन | Antarrashtriya sangathan
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.26 MB
कुल पष्ठ :
289
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अन्तरीष्ट्रीय संगठन रुपता का अनुसरण करते हुये छुछ अधिकारी विद्वान संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा को विद्यनसंसद तथा उसके अन्तर््रीय न्यायालय को विश्व का भावी सर्वोच्च न्यायालय समझते हैं । इस सम््न्ध में वाह्टर ७1061 2 का कथन है कि विद राज्य की सम्भाव्य क्षमता संयुक्त राष्ट्रसंघ में अन्तर्निहित है । विव्य र जय संयुक्त राष्ट्रसंघ में उसी प्रकार अन्तर्मिह्ित है जिस प्रकार एक बज पेड़ एक बॉजफ में अन्तर्निहित है । इस सिद्धान्त को प्रो क्लाउड ने सर्वागिक तथा नियतिवादी हर एएछु8एं51010 छा ही कहा है । २ भवन सिद्धान्त पाता एक भवन के विकास का कोई कठोर तथा निदिवित प्रतिमान नहीं होता है । एक भवन को उसके निर्माताओं तथा उपयोग करनेवालों की इच्छाओं के अनुसार बनाया जा सकता है। वर्तमान भवन को उसी रूप में छोड़ा जा सकता है अथवा उसे नय। रूप दिया जा सकता है नये कमरों को बढ़ाया जा सकता है अथवा पुराने कमरों को नष्ट किया. जा सकता है । इस अनुरूपता का. अनुसरण करते हुये कुछ अधिकारी विद्वानों का दृष्टिकोण है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ का भावी विकास इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि यह किस प्रकार का बीज है बहिक इस बात पर सिमंर करता है कि हमें किस प्रकार के भवन की आवय्यकता है । संयुक्त राष्ट्रसंघ का भविष्य इसके सदस्यों विशेष रूप से बाक्तिशा ली सदस्य-राज्यों पर निर्भर करता है कि वे इसे किस प्रकार का रूप देते हैं। विश्व की राजनीतिक अवस्थाये तथा सरकारों की नीतियों संयुक्त राष्ट्रसंघ के भावी विकास के मिर्धारक तत्व हैं । अतः संयुक्त शा्ट्रसंघ कया होगा तथा यह बया काम करेगा--थे ऐसे प्रश्न हैं जिनका सर्वोत्तम उत्तर प्वार्टर के सन्दर्भ में नहीं अपितु अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक बेचारिक मनोवैज्ञानिक तथा सार्थिक लभणों के आधार पर ही दिया जा सकता है। इस सिद्धान्त को प्रो० क्लाउड ने व्यावदारिक तथा. संकरपपरक छा. एप्प 2 कहा है । अन्तसी्रीय संगठन के निर्माण और विकास के लिंये पूर्वापेक्षारयं अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के आविर्भाव तथा सिकास में दो तत्व मूख्तः अनिवार्य है-- १ प्रमुसत्ता-सम्पनन राज्यों का होना तथा २ राज्यों के बीच सजातौ- यता या. एकरूपता 2 का होना | संक्षेप में अन्तर्स्रीय संगठन के विकास की पूर्वापेक्षावें इस प्रकार हैं 1- हह हि पेपर ० पड 0 छूछ न प-12 कै
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