धनकुवेर कार्नेगी | dhankuver karnegi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परगोपकाराय्र सता द्रिमूतर श्भ9
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ब्यात विश्वगान्तिकी थोर भाछाट हुआ | इनका विचार था
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न हों । श्रोसारतैगी इद्रुठण्ड कौर अपरेरिकाको पिंलाकर एफ
रिनणाक् नह्ांटर या जिवतयी नैताटाएपए घााशि मय पति
करनेफ़े पक्षमें थे । इटूलीणडमें घूमते समय चरिन्रनायक इड्
लेग्डकी शास्तिसमा (10८४ रिवव०८ 50025 0 फिाद न
छाए ता ) के अधिवेशतोंमिं बा यर भाग लिया करते थे। मजूर
पेम्बरोंरें हत्काठीन नेना और 'तोघल पुरमफार' के पानेवाले
पि० क्रेमरने फिवशाल्तिकी चेट्रा सरतेके छिपे एक पा्लमेटरी
संघ श्यापित किया था| चरित्रनायक उसमें भी भाग लेने थे |
मिम्क्रेमर भी एक अहुत स्वार्थत्यागी पुरुष थे। है लाख ४०
हजार सपयेका 'तोवल पुरकार' पाकर उन्होंने सपन खर्चे
ल्ये केचल (७ हजार रुपया रग्दा भर बाकी रुपया 'शास्नि-
सलापक सपिति' का दान फर दिया। ऐसे स्वार्वत्यागी
पुच्रोंको पाकर माता चलुतरा बपनेशो अवश्य हो चन्प सम
कनी होगी, इसमें कुछ भो सन्देदद नहीं हु
उसी समय हेगमें ससारमरके मुख्य मुख्य राष्ट्रोफे प्रति-
निध्चियोंको एर जान्सरेर्स फोजी पे घटाने परश्तपर चिचार
कामेंफे लिये हुई थो । उस सार्फस्सने अन्तर्पद्रोथ भगडॉका
पनिपटारा करनेफें लिये एफ प्ायतकों स्थापित फिया । दस
सफदतासे प्रसन्न दोकर चरेजनायवने देंगमें एक 'शान्ति-
मलिर छापित ऊरनेया विचार प्रस्ट किया । डच सरकारने
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