भुवनेश भूषरा | Bhuvaneshbhushan
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
44
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand).... सवचंश मुषख+ ... . १७
मोहिंतोनेकू ऊखायन । न्नातखरे अरसात' अंहो सवनेश
थकेहियकी अवजायंभ ३५ आईहुंसें ऊखि एके अनोखी
सुकचन बेलि न जातबखानी । इन्दू अ्रकाशित:ताये उस
लखि कंज़ब्रफंछितसे सुखंदानी, ताडिगंहीमुवनेश लो
यंकबोल-कपातं-सकोंकिऊंचानी। लाउचंहे चछिकें ठखि
ठुनहीं कहती ,तुमसो में कहानी .३४ बन्द सरन्दन के
बिकसे 'अंरविन्दन में करू थी झधिकाने । देखिंपरें अन-.
राग:भर मंदमाते मलिन्दू सेठ सरसीने :। पावन पात
गुछावनर्क “रब कंटकह परते दरशाने:। आंजु प्रभात
समय मवनेश उंखी सपसा, अनभुत : अजाने ३६ ऊंची
उसास:विसिर कड़ा छत बन -बग, अनेक, बने । गुंजत
मार,संनावित' मोर कंरें बह शोर चकोर- घने । त्यीं क-
वनेशनुसीरे,सेमीरं-वह कह मन्द सुर्गधंसने । है कर
कंगन को. कह आंरंसी-देखिहो होते कहें नें मंन॑ ३७
चड्रिकां चेंदसेआननकी- अवंडो कि,सरोज़सब, सकुचाने
बाखसी बंकं--बिंछोकनि जानक, त्का खरा कानन माईिं .
छिपाने प्राय 'घ्रजकी.बर्नितानि के.“ आनिके 'रावरे
पिजिकोानि व. सांचीकेहों मवनेश अनकिन .प शिरोभाह
इरासेंन:तांने 23८ :तबता सख, चंदते लोहि 'छियो, इन!
चित्त. चंकोर नें: शोससनें। भवनेश त्वों न्नीति-कोरीति
बटायन अंतररास्यों कऊुसंपने 1 :मवो, कहे से जानि:
पर अवध निठराई रही इतनी संमते व .दिमेनि-तका-,
चतं-हो”हमकों बसेदिश मैं हो. पे. विदेशी बन ३६: वक ::
तोहसाचंद सो आननेई, छंबियुंडकु सूर -सुासिनमा,.
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