मलिन आवासो के निवासियों की सामाजिक आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं का एक समाजशास्त्रीय अध्ययन | Malin Awasaon Ke Nivashivan Ki Samajik Arthik Evm Manovaigyanic Samasyaon ka Ek Samajshastriy Adhyayan

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Malin Awasaon Ke Nivashivan Ki Samajik Arthik Evm Manovaigyanic Samasyaon ka Ek Samajshastriy Adhyayan by विजय श्री शुक्ला - Vijay Shri Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्तावना शोध दिणय के छध्ययन की छावयकता व्यक्ति के रहने के लिये आवास समाज में मनुष्य वी एक प्रमुख्व मौलिक आवश्यकता है। आवास का स्तर समाज तथा व्यक्ति के व्यवहार के ढंग, मूल्यों तथा विचारों का दर्पण होता है। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो की सभ्यता को विश्व की सर्वाधिक प्राचीन तथा महान सभ्यता होने का. गौरव अपनी आवास व्यवस्था के कारण ही प्राप्त हुआ है। वास का मानव समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि यही वह स्थान है जिसमें एक ओर मनुष्य का जन्म होता है, उसका विकास होता है तथा उसकी मुत्यु होती है तो दूसरी और उसका शारीरिक व्यक्तित्व सामाजिक ग्यक्ततित्व में परिवर्तित होता है। 'आपवास ही वह स्थान है जहां व्यक्ति अपने जीवन ख्ही प्राथमिक , घरेलू तथा व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। व्यक्ति का शारीरिक 8रौर मानसिक स्वास्थ्य, उसकी कार्यक्षमता, संवेदनात्मक सुरक्षा तथा सामाजिक प्रतिष्ठा. सभी आवासीय दशाओं से प्रभावित होते हैं। एक सामाजिक संगठन के रूप में वास परिवार के निम्नलिख्वित प्रथमिक कार्यों को पूरा करने की संतुष्टि प्रदान करता है :- ् १ - _ बच्चों को पैदा करना, उनकी देखभाल करना तथा उनका पालन पोषण 1 करना, कम २०... यौन संतुष्टि प्रदान करना तथा ं _ 3-... परिवार के भौतिक , सांस्कृतिक तथा अलनुरागात्मक सम्बन्धों के समन्वय का द हक _. अंशदाना




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