फिलिपाइन में कृषि सुधार | The Philippine Answer To Communism

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
The Philippine Answer To Communism  by एल्विन एच० स्काफ - Alvin H. Scaffव्रजानन्द वर्मा -Vrajanand Varma

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

एल्विन एच० स्काफ - Alvin H. Scaff

No Information available about एल्विन एच० स्काफ - Alvin H. Scaff

Add Infomation AboutAlvin H. Scaff

व्रजानन्द वर्मा -Vrajanand Varma

No Information available about व्रजानन्द वर्मा -Vrajanand Varma

Add Infomation AboutVrajanand Varma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
फ्रेंच, टैगालोग और स्यामी भाषाएँ: भी बोल लेता था। व्यवसाय के बारे २ जब उससे पूछा गया, तो उत्तर था--“ समाचारपत्रों में लिखना।” जावा में वह एक श्रमिक संघ का अध्यक्ष और एक पत्र का सम्पादक था । मलाका की राजनीतिक प्रचृत्तियाँ उसके देश निष्कासन सम्बन्धी मुकदमे में स्पष्ट हुई। सरेकत रय्यत पार्टी के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर उसने उत्तर दिया, *“' प्रत्येक संमाव्य साधन द्वारा डच्च उपनिवेशों का स्वतन्त्र करना । स्वतन्त्रता प्राप्त करने के लिए में जनता द्वारा अपनाये गये प्रत्येक साघन--राजनीतिक, आर्थिक और मावश्यकता पड़ने पर शख्त्र-विद्रोह में सी विश्वास करता हूँ।”' जब उससे पूछा गया कि बोष्शेविज्म के बारे मैं आप के क्या विचार हैं? तो उसने क एक ऐसा सिद्धान्त है जिसके द्वारा संसार का श्रमिक वर्ग किसी सी उपाय द्वारा वर्तमान पद्धति मैं परिवतन लाने के लिए, आपस में संगठित हे कर, अपनी सामाजिक व राजनीतिक सुक्ति प्राप्त कर सकता है। ”” प्रश्न : “ क्या आप इसी सिद्धान्त को मानते हैं ? *” मलाका : सिद्धान्ततः मानता हूँ; लेकिन लक्ष्य का निणय देश-विशेष की मर्यादाओं के अनुरूप होना 'चाहिये । ” मलाका फिलिपाइन में बहुत घूमा । हर जगह मज़दूर-नेताओं, पत्रकारों और गजनीतिशों से उसने मैत्री कायम की। एक समय तो वह नीग्रोस ऑेथिसीटेम्टल के प्रतिनिधि रैंमन टारेस के साथ भी रहा । मनीला निश्वदियालय के अध्यक्ष अपोलिनेरियो द* लास सैन्टास तथा मज़दूर नेता और एल डिबेट” पत्र के सम्पादक फ्रान्सिस्को वैरोना ने भी मनीला में उसे मित्र बना लिया। देश: निप्कासन-सम्बन्धी सुनवाई के समय जज जोस अबाड सैन्टोस ने उसके वकील के रूप में काम किया । सदन के तत्कालीन अव्पसंख्यककों के नेता कलेरो रैक्टो ने नान-मलाका-फन्ड का प्रस्ताव पेश किया। घन की वर्षा होने लगी। यद्यपि मलाका फिलिपाइन से निष्कासित किया जा रहा था, तथापि बह उस जनता की नज़रों में * राजनीतिक हीरो * बन गया था जिसके देश को उसे मजबूरन छोड़ना पड़ रहा था। उनके लिए वह एक शहीद था जो अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए दुःख सह रहा था। सहानुभूति के जोश से ऊंच राजनीतिक पदवाले तथा मज़दूर वर्ग में से किसी ने यह नहीं सोचा था कि जिन वित्चारों और सिद्धान्तों का मलाका ने प्रचार किया था, वे आगामी वर्षों में विकसित हो कर अन्त में हुक विद्रोह के रूप में फलीसूत हो जायेंगे । श्श्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now