मुगलों के अधीन काबुल का सूबा | The Subah of Kabul Under The Great Mugal

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The Subah of Kabul Under The Great Mugal by आलोक कुमार -Alok Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यहाँ मच्छरों की अधिकता थी जिससे इस मैदान पर बँधने वाले घोड़ों को. बहुत कष्ट होता था। काबुल से दो मील की दूरी पर पश्चिम की तरफ दुर्गन नामक मैदान था।“* पूर्व की तरफ सियाह संग नामक मैदान था। 22 काबुल राज्य चौदह प्रदेशों में विभाजित था।ये प्रदेश तूमान कहे जाते थे।”* समरकन्द , बुखारा और इनके पड़ोसी स्थान इमान कहलाते थे। अन्दिजान, काशगर और उसके आसपास का क्षेत्र उरचीन कहा जाता था। काबुल के पूर्व में लमगानात था, उसमें पाँच तूमान और दो बुलूक थे।”* सबसे बड़ा तुमान नीन गनहार था। इस तूमान का हाकिम काबुल से पूर्व बयासी मील की दूरी पर स्थित अदीनापुर में रहता था। “० काबुल से नीन गनहार लिनिक कसम लक कलनन कनिकिन कि की वितरित सर पर सवा रा 21... बाबरनामा, पू०-147 22... वही 23... वहीं, पूछ०-149 24 . . वही, पूछ-150 25. वही




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