तुलनात्मक शासन और राजनीति | Tulnatmak Shasan Aur Rajneeti
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
731
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तुलनात्मक शासन और राजनीति परिचयात्मत शो
व्यवहार (1९४ 26 फ़ात८05] तथा प्रतिमातों सौर व्यवहार (एणशाई शाएँ एटीक्रशणो) के
बोच सम्ब घ विश्लेषण में अति कठिन समस्याएं पंदा वरते हैं । पाचवी, अनेक राज्या वी शासन
सस्थाओ व प्रप्रियाप्ो (यथा साम्यचादी व हाल ही में सर्वत्र हुए श्रल्प विकसित राज्या) के बारे
में उपलब्ध सामग्री बहुत वम है और उनमे से श्रघिव तर देशी में अध्ययनकर्त्ताप्रो को जाने व अध्ययन
वी सुविधाएँ पाना भी बठिन है। अत में, तुलनात्मक अध्ययन में प्रयुक्त होने वाली आधारभूत
घारणाओआ (050 ८णा८्०फ15) गौर दान्दावली (167्राएए01089) को अच्छी प्रवार से समभना
श्रावश्यक है, किन्तु उह समकना काफी कठिन है । आजकल प्रयोग म आने वाली कुछ धारिणाओं
व दाब्दो वा यहाँ उत्लेख बरना आवश्यक और पर्याप्त है. राजनीतिक सस्कति व समाजी
चरण (0ण101021 ०ए1पा6 घात 5008112311090, राजनीति विकास श्रौर आाधुनिकीवरण
(एए00ला122007), राजनीतिक भुमिकाएँ (7०65), शक्ति (90७७३), विशिष्ट वग (४11८), हित-
चच्चारण (एश285 द्टएकए00), हित समूहीकरण (ए21८5 2द्टाधशवणा), राजनीति में
भाग लेना (01109 फ811101021101), राजनीतिव व्यवहार (एण1101091 0६९8४1007), निर्वाचन
ब्यवहार (न८८(/0721 0602९ा0छ1), राजनीतिक प्रक्रिया (00110021 [100655), इत्यादि ।
तुलनात्मक अध्ययन के पूव वर्णित पहलुआ भर उसवी वठिनाइयों की जानकारी के
वाद यह जान लेना भी आवइयक है वि तुलनात्मव' अध्ययन का परम्परागत उपागम कया था और
उसमे बया बमियाँ थी । इस विपय का विस्तारंपूण विवेचन आगे दिया गया है ।
4 तुलनात्मक शासन श्रौर राजनीति का क्षेत्र
तुलनात्मव' शासन वा अथ है शासन वे कानूनी य त्रा (ए05(पाटाएव11165) तथा
प्रन्नियाओ का इस हप्टि से अध्ययन करना कि वे लॉसन के विभित्त अग्र!।--सिर्वाचत “मण्डल,
विधाधिका, कायपालिवा, प्रशासन और यायालयो के बीच अततफ्रिया का परिणाम है । परम्परागत
उपागम (00100 80800) म, अनौपचारिव' कारका व प्रक्रियाओं (एएणिएडी छिट 015
घ80 छा00४5568) जैसे विभिन प्रवार के हित समुह्दी (जो सामायत सामाजिक और आधिक शक्ति
रखते हूँ और कभी-प भी तो राजनीति धक्ति भी और शासन वी औपचारिक सस्थाआ के वाहर
अपना काय वरते हैं) वे ऊपर विचार नहीं किया जाता । यह उन अधिव' जटिल सदर्भीय शक्तियां
(ए०प६62(08 छिट्ट5) को भी अपने क्षेत्र से वाहर छोड देती है जि हें राजनीति पद्धति के
वैचारिक नसूनो भर सामाजिव' सरठन (106010ा08ी फ8((6ाए5 घा्त प्रिंट 00181 एट्ट4ता
210घ) मे पाया जा सकता है 1
जेसा वि अध्याय के आरम्भ में ही बताया जा चुका है अब “शासन” थी अपेक्षा 'राजनीतिक
पद्धति को झ्रघिक पसंद किया जाता है और इसका अध्ययन क्षेत्र भी शासन वे क्षेत्र से अधिक
चिस्तृत है। साथ ही तुलनात्मक शासन क॑ स्थान पर 'तुलनात्मव' राजनीति को अधिव' पसद
किया जाता है और यह एन ऐसे क्षेत्र वो चित्रित करने का प्रयास करती है तथा इसकी विधि का
'अभिमुख (ए760180100) ऐसा है कि जिहे परम्परागत उपागम म स्थान नहीं है । वास्तव में,
इसवा उद्देश्य राजनीतिक प्रम्रियाओ और सस्थाशो का सच्चे तुलनात्मक ढंग से श्रघ्ययन करना
है, जिससे कि सामाय समस्याना और प्रश्नों वे उत्तर दिये जा सकें । ऐसा वरने में यह तुलना के
क्षेत्र को गधिक से अधिव' पद्धतियो तक विस्तत करती है । यह परम्परागत शासनिक सस्थाओआ पर
बल देने के बजाय राजनीति का एक सामाजिव' बाथ के रुप में अध्ययन वरती है, जिसम मनन
और मिणय करना (उ्लाएावणा 80 तंध्टाडाणा घाधा,ाड) मन्तग्रस्त है । तथ्य तो यह है वि
। शासनें उन अनिक कारक में से एक है जो राजनीतिव' प्रक्रिया के विश्लेषण मे प्रवेश पाते हैं ।
इस अब मे तुलनात्मक राजनीति” तुलनात्मक अध्ययन के क्षेत्र को अधिक विस्तृत बनाती हैं,
घंयाकि यह ऐसे वारको को भी सम्मिलित बरती है जिनवीं ओर अतीत म ध्यान नहीं दिया जाता
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