मध्यप्रदेश का इतिहास और नागपुर के भोंसले | Madhyapradesha kaa Itihaas Aur Naagapura ke Bhonsale

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Madhyapradesha kaa Itihaas Aur Naagapura ke Bhonsale by पं. प्रयागदत्त शुक्ल - Pt. Prayagdatt Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पद यहाँपर उक्त सरदारोंके गुण-दोषोंकी चर्चा करना अनावश्यक है । यह नहीं कहा जा सकता कि अवनतिके समयके सरदार सवेथा अयोग्य थे; परन्तु इसमें सन्देह नददीं कि उनमें दूरदष्टि और स्वार्थत्याग कम था, व्यक्तिगत श्वार्थ ही अधिक था । भोंसला-राज्यकी अवनतिके यही मुख्य कारण हैं । इनके अतिरिक्त आरंभसे ही नागपुरके राजाओंकी शासन-पद्टति गलत रास्तेपर थी; परन्तु इस विषयपर विचार करनेका यह स्थान नदीं है । पंडित प्रयागदत्तजीने नागपुरराज्यका सिलसिढेवार संक्षिप्त इतिहास लिखने का कार्य बढ़ी उत्तमतासे किया है और भावी विस्तृत इतिहासकी नीव डाल दी है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देकर में यह प्रस्तावना समाप्त करता हूँ । बुलडाना ो -यादव माघव काले १-१०१९३० (बी० ए०, एलएल० बी० )




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