संत तुकाराम | Sant Tukaram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
165
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about हरि रामचन्द्र दिवेकर - Hari Ramchandra Divekar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शितीय परिच्छेद
तुकाराम का जन्म
तन मन घन से जगत हित
ईश भक्ति करवार ।
बुलंभ ऐसे पुरुष का
मूतल पर श्रवतार ॥
श्रीुकाराम मदारान का जन्म ई० इद०्८ में देहू गॉव में हुआ । यह गाँव
दायगी नदी के तट पर बा है। इपी नदी पर आकंरी गोव है जहाँ श्रीतानेशचर महा-
राज समचिस्थ हुए थे । देह, आआकं ही गाँगों के पास से बहते-बहत यह इद्रायणी आगे जा
कर भीमा नदी से मिलती है जिस के तट पर पढरपुर है ! जिस प्रकार पंदर पुर पुंडलीक के,
झ्ाकंदी ज्ञानेश्वर के, गो शव री-चट पर का पैठश एकनाथ के, उसी प्रकार देहू तुकाराम
के कारण प्रनिद्ध हुआ । आज महाराष्ट्र के प्रमिद्ध पवित्र स्थानों में वद एक समा
जाता है, श्लौर चैत बदी दून से ले कर पाँच दिन वहाँ हज़ारों भाविक तुकारामजी की
निधन तिथि मनाने के लिए जाते हैं। बंबई से पूना श्राते हुए घाट चढ़ने के बाद
लोशावला नामक स्टेशन पड़ता है । इसी के पाम इंद्रावणी का उद्गम-स्थान है । आगे
चज़ कर तनेगाँव के बाद शेलारवाड़ी स्टेशन लगता है, जहां से देहू केवल तीन मील है ।
देहू गाँव के, चारों श्रोर थोइ:-थोड़ी दूरी पर पहाड़ हैं। पश्चिम की शोर दो सील पर
मंडाण, दनिय की तरफ़ छः मीज़ पर गोराडा श्रौए उत्तर को श्राठ मील पर भामनाथ नाम
[१०
User Reviews
No Reviews | Add Yours...