रूसी युवकों के बीच | Rusi Yuvakon Ke Bich

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है हू: सोवियत संघ का जन-जीवन सोवियत संघ के युवक-संगठन की कमेटी के निमन्त्रण पर, श्रखिल भारत कांग्रेस कमेटी के युवक-विभाग की तरफ से, एक सद्भावना- मण्डल भारत से सोवियत रूस गया । इसमें सात व्यक्ति थे--छ: पुरुष श्रौर एक महिला । सन्‌ १९४५७ में भारत में हुए युवक-कांग्रेस के लखनऊ-शभ्रधिवेशन के श्रवसर पर सोवियत रूस की इस कमेटी के प्रतिनिधि हमारे निमन्त्रण पर भारत झ्ाये थे । तभी उन्होंने हमें सोवियत रूस भ्राने के लिए निमन्त्रण दिया था । हमारी यह यात्रा इसी निमन्त्रण का परिणाम थी । हमारा प्रतिनिधि-मण्डल रूस में एक महीना रहा श्रौर उसने मास्को, लेनिनग्राड, याल्टा (जो क्रीमिया में काले समुद्र के तट पर स्थित एक विश्वाम-नगर है), युक्रेन की राजधानी कीव शभ्रौर उज़बेकिस्तान की राजधानी ताशकन्द की यात्रा की । हम उनके मेहमान थे, इसलिए सोवियत जीवन के विविध पहलुझों के बारे में हम स्वभावत: उनसे वे सब प्रइन नहीं पुछ सकते थे, जो हमारे मन में उठते थे । हम उन्हें किसी तरह के पसोपेश में नहीं डालना चाहते थे । हमारी सबसे बड़ी कठिनाई तो यह थी कि हमारे साथ हमारा श्रपना दुभाषिया नहीं था । उन्होंने हमें हिन्दी श्रौर श्रंग्रेजी जानने- वाला दुभाषिया दिया था । हमें पूर्णतः उसीपर निभंर रहना पड़ा । फिर, हमारा झधिकांदा समय उन्होंने हमारे लिए श्रपनी कमेटी की तरफ से जो कार्यक्रम बना दिया, उसीमें चला गया । इसमें भी 'सोवियत यूथ




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