साहित्य सुषमा | Saahitya Sushhamaa
श्रेणी : काव्य / Poetry, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र] विद्यापति
माधव हम परिणाम निराशा ।
तुदहं जग तारया दीन दयामय झतए तोहार बिसवासा ।
आध जनम हम नींदे गमाझल जरा शिशु कत दिन गेला ।
निधुबन रमनी रस रैँग मातल तोहें भजब कोन बेला ।
कत चतुरानन मरि मरि जाएत न तुझ थझादि झवसाना |
तोदे जनमि पुनि तोहे समाझोत सागर लहरि समाना ।
भनए विद्यापति सेस शमन भय तुझ बिनु गति नहिं झारा ।
दि अनादिक नाथ कहाश्नोसि अब तारन भार तोहारा ।
( २९ )
जय जय भेरवि असुर भयावनि पशुपति भाविनि माया ।
सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि अलनलुगति गति तुझ पाया ।
वासर रेनि शवासन सोमित चरन चन्द्रमनि. चूड़ा ।
कतडउक देत्य मारि मुँह मेलल कतउ उगिल केल कूड़ा ।
सामर वरन नयन 'अनुरंजित जलद योग फुल कोका |
कट कट बविकट 'छोठ फुट पॉडरि लिघुर फेन उठ फोका |
घन घन घनय धघुघुर कत बाजय हन दहन कर तुझ काता ।
विद्यापति कबि तुझ पद सेवक पुत्र विसरु जनु माता ।
( है ) .
कनक भूधर शिखर वासिनि, चन्द्रिका 'चय चारु द्ासिनि,
द्सन कोटि विकास, वकिम तुलित 'चन्द्रकले । ही
क्रद्ध सुर रिपु बल निपातिनि, महिष शुम्भ निशुम्भ घातिनि,
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