मध्ययुगीन भक्ति - साहित्य के संदर्भ में नाम - साधना का तात्विक विवेचन | Madhyakalin Bhakti Sahitya Ke Sandarbh Men Nam - Sadhana Ka Tatvik Vivechan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
57 MB
कुल पष्ठ :
425
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कालान्तर मैं जीवाँ की अपेक्षा से अनेक नामाँ को' रूप सक ख़त की प्रवास करती है ।
किन्तु जहाँ उसके मुल का प्रश्न उठता है बहाँ केवल ऊ शब्द ही बहवाची है |
तदनन्तर प्रण्णब की स्थिति स्वीकार की गई । ढो७ मुँही राम शर्म नै प्रणव का अर्थ
करते हुए लिखा है > कि प्रणव की महिमा भ्माइय तथुय मैं विद्यमान है, पर हम
जीव उस भ्नामी कै अपनी अपैक्षाम थे माम रखती है, आए क्याँकि हम अनेक हैं,
बुच्तियाँ भनेक हैं, अत! प्रभु के नाम भी अनेक ही जाते हैं । जा अगन्तब्य है बह हनी
नामाँ द्वारा यन्तव्य बन जाता हैं 1” *
विभिन्न उपभिधदाँ तथा बैदाँ आदि मैं हस तथुय की स्थिति स्वीकार की
गयी है कि नास-साधना के हारा ही साधक को उद्धार हीता है । बह संयपित तथा
इन्ड्ियाँ की वश में करने की शक्ति श्रर्जित कर लेता है । किन्तु यह साधना साधारण
रूप से अथवा ऊपरी सतस से नहीं की जा सकती । हसमैं मन की आन्तारिक आतूभूति
भार हुदय की 'निस्ठाधुएए भक्ति का' समावेश होना अत्यन्त आवश्यक है । यदि नाम
के हैने की प्रकिया मैं हादिक आतुभाति कार्य करती है ता समिश्च्य ही बैदीं की यह उक्त
चारिताथ हती है -
आत्सा गमदु यदि अबत सदम्रिपधिभिल लिमिवजिसिसूप ली हवसू । दे
डुझ एक है किन्तु उसके लिखिध नासा से उसकी भअनेकहूपता का बाँध हमे
लगता है किन्तु उससे यह भ्रम नहीं हीसा' चाहिए कि सुपर के कारएप' अनैक नामकरणप
एक ही बरस को श्नैक बना' देते हैं । वरनु इन ज्नैक नासाँ की सकता श्रक्तुएण धनी -
रहती है । इस प्रकार रक ही परम तत्व मधुर होने के कारण “पु”, प्रकाशमय हाँते
के कारण प्रकाश , चेतन होने के कारण 'प्राएए , प्रपंच का उपबुहएा' करने कै
कारण बस, सबीव्यापक हीने के कारण विष्णु, योशिरम्य हागे के कारण एस
भार सर्वजनाकणक हाँने के कारण कृष्णा” नाम से अभिर्त हुआ ।” * तुलसी के शब्दों
है, मोम साधना जैक ( कर्याएग ), पृ०् १०६ वैदिक भक्ति भावना - ढा० मुंशी एम शर्म
२: अग्वैद, १५३४
३, प्राचीन वाहुल्मय मैं माम भार प्रार्थना हा० कृष्णादत भारदाज( कत्याएा- नाम
साधमाक ), पुर १२३ ।
( विजय बैवै्टि कृति विश: ( लिशल स्याप्ती । ) (कुमश: जारी )
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