खण्डणोद्धार (पंचम पुष्पम ) | Khandnoddhar (pancham Puspam)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
814
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्ट,
न्यवस्था है । जहाँ उच्च कोटि के दिद्दानों के द्वारा प्रदत्त सुरभारती-
शिक्षाको गुजरात विहार मासाम उत्तरप्रदेश उड़ीसादि विविध प्रास्त
व नेपाछादिं देशोंके छात्र नाना विषयों में प्राप्त कर रहे हैं । सस्क़ृतः
सप्ययन करने वाठे समस्त छान्नों की भोजना'्छादन निवास पुस्तक
झुन्क इत्यादि की व्यवस्था मठ द्वारा को जाती है। संस्कृत मैद्रिक-
भाई, ए. बी, ए. एम, ए. व रिसिचेवाले झन्य छात्र भी इस महा-
विद्यालय से ठाभ उठाते रहते हैं।
१ किसी सेठ साहुकार व्यक्ति से किसी प्रकार की सहायता
छिए बिना ही निली व्यय से लगभग दो लाख रुपये लगाकफर-
श्री योगिराज जी द्वारा सर्चाउत उभयस्थानों (श्री शेपमठ
तथा श्रीकोसलेन्द्मठ) की भध्ययन भव्यापन सचालनादि प्रणाछी
को देश्वकर सहजमें ही. प्राचान गुरुकुलपरम्परा याद का
जाही है ।
३. मधंग योग-साघना द्वारा ऐड्रिक (स्वास्थ्य) तथा
शामुष्मिक लक्ष्य की श्रानि ।
४, गौशाछा-गौसवर्धन-सरक्षणादि के द्वारा भारतीय संस्कृति
के साथ जनत्वास्प्य को रक्षा
५. देशी औपधोपचार द्वारा जन स्वास्थ्य छाभादि
सक्षेप में इन मों का यही इतिदत्त है 1
उपयुक्त सारी श्रडत्तियों में रात्रिदिन छगे रहते हुए भी पूरय
थी योगिराज जो योगमाम द्वारा श्रीसाकेतविद्वारोनी के 'चरण-
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