खण्डणोद्धार (पंचम पुष्पम ) | Khandnoddhar (pancham Puspam)

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Khandnoddhar (pancham Puspam) by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्ट, न्यवस्था है । जहाँ उच्च कोटि के दिद्दानों के द्वारा प्रदत्त सुरभारती- शिक्षाको गुजरात विहार मासाम उत्तरप्रदेश उड़ीसादि विविध प्रास्त व नेपाछादिं देशोंके छात्र नाना विषयों में प्राप्त कर रहे हैं । सस्क़ृतः सप्ययन करने वाठे समस्त छान्नों की भोजना'्छादन निवास पुस्तक झुन्क इत्यादि की व्यवस्था मठ द्वारा को जाती है। संस्कृत मैद्रिक- भाई, ए. बी, ए. एम, ए. व रिसिचेवाले झन्य छात्र भी इस महा- विद्यालय से ठाभ उठाते रहते हैं। १ किसी सेठ साहुकार व्यक्ति से किसी प्रकार की सहायता छिए बिना ही निली व्यय से लगभग दो लाख रुपये लगाकफर- श्री योगिराज जी द्वारा सर्चाउत उभयस्थानों (श्री शेपमठ तथा श्रीकोसलेन्द्मठ) की भध्ययन भव्यापन सचालनादि प्रणाछी को देश्वकर सहजमें ही. प्राचान गुरुकुलपरम्परा याद का जाही है । ३. मधंग योग-साघना द्वारा ऐड्रिक (स्वास्थ्य) तथा शामुष्मिक लक्ष्य की श्रानि । ४, गौशाछा-गौसवर्धन-सरक्षणादि के द्वारा भारतीय संस्कृति के साथ जनत्वास्प्य को रक्षा ५. देशी औपधोपचार द्वारा जन स्वास्थ्य छाभादि सक्षेप में इन मों का यही इतिदत्त है 1 उपयुक्त सारी श्रडत्तियों में रात्रिदिन छगे रहते हुए भी पूरय थी योगिराज जो योगमाम द्वारा श्रीसाकेतविद्वारोनी के 'चरण-




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now