आधुनिक यूरोप का इतिहास | Adhunik Yurop Ka Itihas

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Adhunik Yurop Ka Itihas by सी॰ डी॰ हेजन - C. D. Hejan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यूरोप की पुरातन व्यवस्था ३ पद एक प्रकार से निर्वाचन पर अवलम्बित हो गया । इस कानून के और भी महत््व- पूर्ण परिणाम हुए । सन्‌ १७१४ ई० में इंगलेंड के सिंहासन पर बँठने के समय जार्ज प्रथम की अवस्था ४ वर्ष थी । वह जमंन था, और राज्यारोहण के बाद भी एक जमंन राजकुमार के रूप में काय॑ करता रहा । अपने नये राज्य की अपेक्षा उसे अपने हनोवर के छोटे से राज्य की अधिक प्रारम्भिक हनोवर' चिन्ता थी। वह अँग्रजी भाषा का एक दाब्द भी नहीं राजा समझता था और न उसके मंत्रियों को जमंन आती थी | इसलिए जब उसे उनसे बात करनी पड़ती तो लटिन भाषा का प्रयोग करना पड़ता था। जाज॑ प्रथम ने १७१४ से १७१७ तक शासन किया । उसके वाद उसका पुत्र जारज॑ द्वितीय सिंहासन पर बैठा । उसने १७६० त्तक राज्य किया । यद्यपि उसे अँग्रजी आती थी; किन्तु उसके बोलने का ढंग बुरा था और अपने प्रिता की भाँति वह भी ब्रिटेन के साम्राज्य की अपेक्षा जमंनी की अपनी छोटी-सी जागीर में अधिक दिलचस्पी लेता था । हनोवर वंदा के पहले दो राजाओं (जाज॑ं प्रथम और जाज॑ द्वितीय) को इंगलैंड से केवल इसीलिए दिलचस्पी थी कि वहाँ से उन्हें घन मिलता था; इसी- लिए राज-काज का काम उन्होंने अपने मंत्रियों के ही ऊपर छोड़ दिया और मंत्रियों की उन बँठकों में जाना तक फंबिनेट प्रणालो का बन्द कर दिया, जिनमें नीति-सम्वन्धी प्रइनों का निणंय विकास होता था । ४६ वर्ष तक ही क्रम जारी रहा । परिणाम- स्वरूप देश में एक ऐसी शासन-प्रणाली स्थापित हो गई जैसी कि पहले कभी देखने को नहीं मिली थी । राजा की शक्ति और अधिकारों का प्रयोग राजा के स्थान पर उसके मंत्री करने लगे और वे मंत्री ससद के सदस्य हुमा करते थे । दूसरे झाव्दों में यह कहावत चरितायथं होने लगी कि राजा राज्य करता है, शासन नहीं । नासन की वास्तविक दाक्ति संसद के हाथ में है, और वह अपने सदस्यों की एक समिति अर्थात्‌ मन्त्रिमंडल द्वारा शासन करती है । मंत्रीगण तभी राज-काज चला सकते थे भी जबकि उन्हें संसद में वहुमत का समर्थन प्राप्त होता । इसलिए एक पुरे काल में उन्हें हप दल का भरोसा करना पड़ा । ह्विंग लोगों ने ही. १६८८ की क्रान्ति सम्पादित ही थी और वे इस सिद्धान्त को मानते थे कि _राजा की ही ह्वग दम हाथ म॑ सीमित हो और वास्तविक प्रभुत्व संसद के हाथ में दा ा नूकि जार्ज प्रथम और द्वितीय को ह्विंग दल की छुपा दर डाला, अदत पाया सिहासन मिला था और चूंकि दूसरा बड़ा दल जो ही तक निर्वासित स्टुअर्ट वंश का परे हा री दा घीरे-थीरे खोखली हो गई । तेसा युग प्रारम्भ हुआ, जिसमें राजा ही की हि का की हनोवर राजा ह्विंग लोगों की कृपा से ह था सर व सब चक्तियाँ त्यागनी दा थी डा कह कार मानी जाती थीं । पी सर स्थिति में यह जो परिवतंन हुआ उसको किन्तु यह बात न थी कि राजाओं की दर ट दे से गो उसकी ओर उनका ध्यान न गया हो । जब जाज ज॑ं ट्रिंतीय को उन्हू ने समझा न हो, या उ ओर उनका छयां गयाहा। गज के पं




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