जैनधर्म शिक्षावली भाग - 5 | Jainadharm Shikshavali Bhag - 5
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
223
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कृपया पहुंच स॑ फृवाये करें ।
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कोग अधि मसंझ इुए ! तद्नु समा भी मजन मदसती ने
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प्रशाद थी बड़े मसनन हुए भीर पद सन में मिंभ्रप शिपा
कि-इम सी सपने नगर में इसी मार सन्धुझस करत हुपे
चमे प्रचार करेंगे ॥
चठुधे पाठ
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बऋत्पा पाठ शाका का स्थात्त दे षददों शोकिक था बािक
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