उत्तर प्रदेश राज्य की वार्षिक रिपोर्ट भाग 2 | Uttar Pradesh Rajya Ki Varshik Riport Bhag 2

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दे नये डाक श्ौर तार घरों का खोला जाना श्रोर बतमान डाक व तार घरों को बनाय रखना « (१) नये कार्यालय श्रादि--झुछ नये डाक व तार घरों को खोलने श्र टेलीफोन टदंक लाइनों की स्थापना करने म होने वाले संभावित घाटे को प्रति की गारंटी करने के लिए राज्य सरकार राजी हो गयी । इस संबंध में विस्तृत विवरण नीचे दिया जा रहा हूं -- (क) बागेश्वर, जिला श्रल्मोड़ा में डाकघर--बागेदवर, जिला श्रल्मोड़ा सें एक डाकघर खोले जाने के फलस्वरूप सरकार से डाक व तार विभाग को श्राइवस्थ करने के हेतु ५ वर्ष के लिए ३,४५९ रु० तक वाधिक देने की जिम्मेदारी स्वीकार की। ऐसा करना विभिन्न कारणों से, जिससे प्रद्यास- कोय कारण भी था, श्रावश्यक समझा गया । वस्तुतः यह डाक घर सितम्बर, १९५७ से हो चालू था । (ख ) भिनगा, जिला बहराइच म तारघर--बहराइच जिले के भिनगा नामक स्थान में, जो कि सीमावर्ती तराई क्षेत्र को सबसे बड़ी श्रनाज की मंडी सानी जाती हु, प्रशासकीय दृष्टिकोण से श्रौर इस बात का भी ध्यान रखत हुए कि जुलाई से श्रक्तबर तक यह क्षेत्र दोष जिले स पूर्ण रूपण बिलग सा रहता हे; वहां डाक व संचार की सविधाओ्ों को व्यवस्था करना श्रावस्यक समझा गया । भिनगा में एक तारघर खोले जान के फलस्वरूप सरकार न डाक व तार था विभाग को श्राइवस्थ करने के हेतु ५ वष के लिए २,४४३ रु० तक वार्षिक देने की जिम्मेदारी स्वीकार की । वष की समाप्ति तक तारघर ने श्रपना कार्य श्रारस्भ नहीं किया था । (ग) सतपुली से बदरीनाथ तक॑ टेलीफोन की ट्रंक लाइन--सतपुली से बदरीनाथ तक टेलीफोन की एक टंक लाइन की व्यवस्था करने की योजना का, जिससे गढ़वाल जिले के सदर पौड़ी और बदरीनाथ जसे सुद्रस्थ स्थानों के बीच सम्पकं स्थापित हो जाता है, कई कारणों से स्वागत किया गया। इसके द्वारा हिन्दुओं के एक सहत्वपूर्ण तीथेस्थान बदरीनाथ का बाहरी दुनिया से सस्पक स्थापित हो जाता है। इससे प्रशासकीय कार्यकुदालता में भी वृद्धि होगी क्योंकि इस स्थान का वर्ष के श्रधिकांदा में जिले के सदर से सस्पके टूट जाता है। इसलिए इस ट्रक लाइन को खोलने से होने बाल घाट की पूर्ति डाक व॒ तार विभाग को १० वरष॑ तक करने के लिए सरकार राजी हो गयी । इस धघनरादि का एक भाग श्री बदरीनाथ मंदिर समिति शभ्रौर कमायं मोटर यातायात संघ से लिया जाना था । (२) पुरानें डाक घरों को बनाये रखना--राज्य सरकार निम्नलिखित डाकखानों को चाल रखने का व्यय डाक झ्ौर तार विभाग के साथ वहन करती रही। राज्य सरकार द्वारा बहन किये हुए इस व्यय की धनराशि उसे वापस न होगी-- (क) खिर्वा, जिला मिर्जापुर में श्रतिरिकत विभागीय शाखा डाकघर--यह डाकघर १ दिसम्बर, १८६० के पूर्व एक उप डाकखाने के रूप में चाल था। सन १९४२ में इसका स्तर घटा कर इसे एक श्रतिरिक्त विभागीय दाखा डाकघर बना दिया गया। इस डाकखाने को चालू रखने में होने वाले भारी घाटे को देखते हुए सन्‌ १९४५ सं डाक व तार विभाग ने इसे . चलाने में श्रपनी श्रसमथंता प्रकट की श्रौर इस बात के साथ उसे चलाना स्वीकार किया कि राज्य सरकार उस घाटे को पूरा करने के लिए ही




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