नीलामी बोली - एक समाजभाषावैज्ञानिक अध्ययन | Nilami Boli-ek Samajbhasha Baiyanik Adhyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कम हूँ हूँ
उच्चारण ग्रे रड जाता है। 'सदुठारा राख्व ये महाप्राण व्यॉजन छति 'ठ* पर बलाधात होते के कारण...
पूर्घव्ती *अ' और *ट* कॉनिन अत्पप्राण उध्यरित होते के कारण सुनाई नहीँ पढ़ते लिससे *अट्ठारा'
कद 'डारा” रे स्प मे बच रढता है। उठाहरणाएं,
पुफारकर्तान अदूनात अदूणरा घदूठारा बदूदाता अठरा अजरा स्पया रुक दो; मठारा
जरा ठारा दास दादा स्वया बहुत बढ़िया चोज़ है।
- (लकनऊ मेरे, सांगपरायान का मौसम).
रसो का दूसरा उपाइरण दूसरे भौगोलिक: शामामिक पर्यावरण मे प्रभावित व्यावाधिक
पलामर्ता के चार वेग का है। वाइस इज़ार यो दो वार पुनरावृति के भाव उच्चारण को रफ्तार मेन
होती है। लिएसे वाइस हज़ार 'याइनार” पुमाई देता है। पह श्वास वेग में दो बार 'वाइजार दो सौ”
और रफ चार घाइजार उप्पारण पारतां है और हर स्वाध पर रफ़ग बढ़ाता जाता है। इसो चोघ पकृम
सका सेक्स इम़ार फर दो नाली है। उदाइरणायँ,
गुधारपलों- योइस उतार रुक थी बाइस इज़ार रुफ सो वाइणार दो सो माइणार दो सो
याइयार लोन थो शाइयार चार सो बाइजार यार सो भाइणार छाइगार पाँच सो
जाइणार ऐ को वाइनार ये सी पाइजार हे सो घाइजार सात थी जाइनार शात सी
चाइणार' नाइगार घाठ सो घाइ्मार आठ सो तैइस हज़ार |
(वैछती' में, होमरी का मौलाप)
समिन्मेष है उपाइरण जैनन्मेव से सैवीवित हैं। सबनऊ लेन मे सामसामान तंबा पान मण्ठी
में चान के मो पा सर्वेक्षण मे पाधा गया फि घहाँ मोचामरर्ताओं सथा फ्रेंसाओं या. गोतो' लगाने जालों के
सफ वर्ग मैं फिन्दों के संधुल स्वर 'ऐ' और जौ हैं तो दूसरे वर्ग में ये स्वर अनयो मे संयुक्त स्वर पा गा गा.
_ जाइ” (जप) तथा 'सड रथ में उध्यदित फिये जातेहे। रक यर्ग 'मेतालोस चारण करता है सो दृश्स
- चर्यतातीस यही वर्ग वेठालोगे को *बहठालोगि' उध्यारित फरता' है। रुक वर्ग सौदा बोलता है तो
गूयों का 'घड़वा' उन्धारण सुनाई देता है। यहां प्तिवाियों मे मोलामकर्ता तथा फ्रेसाओं का रू धर्ग
सखमऊ शहर का लियासे है तो पृसरे का संगंध आमोग अँवलों से बना हुआ है। प्रथम थर्ग साध्यािक
उच्च स्तर फा हित शमुवाध है तो दूसरा आपततधित अवया अधिधित या निरकर। आयोग अगली से
रवीवित सोगों मे फिस्दों का ई प्रत्यय अपर उध्दारण मैं 'नइया” हो गंदा है। उपाहरणाएँ, चरण
-..... बहठालोगे । यहाँ एक और मोताग का स्वान, रत तथा यसतू के घदलने पर सबा सभी असमान वर्गों
_... के फ्ेलाओं के कोच रहने पर मो गलायों का रुक यर्ग पामोण केनो से यॉँया गला हा मष्ढो
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