विचार - धारा | Vichar - Dhara
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
208
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मध्यदेश का विकास दि
श्रवंति और उड़ीसा मध्यदेश के बाहर थे? | ब्राह्मणों का ज़िला थून श्राज-
कल का स्थानेश्वर अनुमान किया गया है । यह अनुमान ठीक ही मालूम
ढोता दै क्योकि यहाँ का निकटव्तों देश अत्यंत प्राचीनकाल से मध्यदेश कै
पश्चिम की सीमा रहा है | पूर्व में कजंगल 5 भागलपुर से ७० मोल पूव॑ में '
माना गया है | क
इसमें यह स्पष्ट है फि मनुस्द्ति के मध्यदेश को ध्यान म रखेंते- “हुए
वौद्धवाल में मध्यदेश की पूर्वीं सीमा बहुत स्रारे बढ गई थी । भा रतीयें-
सभ्यता का कंद्र उस समय बिहार की भूमि थी शोर उसका भी मध्यदेश में
गिना जाना झाशइ्चर्यजनक नहीं है | प्राचीन द्ायं-सभ्यता के साथ ही
श्रार्यावत्त शब्द को लोप है चुका था, अतः बौद्धकाल का मध्यदेश श्रार्या-
वत्ते का मध्यदेश न होकर भारत का मध्यदेश रहा होगा | एक प्रकार
से यह झार्यावर््त का मध्यदेश भी कहा जा सकता है क्योंकि यथार्थ में आर्य
सम्यता प्िश्य पवंत के दक्षिण मे प्राय कृप्णा नदी तक फैल चुकी थी, अतः
उन थागों की श्रार्यानत्त मे गिनती होनी चाहिए थी । यद्यपि इस प्रकार का
प्रयोग संस्कृत साहित्य मे कहीं नहीं मिलता है । गुजरात दर महाराष्ट्र को
ग्रथवा कृष्णा नदी के दक्षियु भाग को भी श्रनायं देश कौन कह सकता है !
उड़ीसा और छुत्तीसगढ की भी गिनती श्रार्यावत्त में होनी चाहिए । त्राश्र
श्र कर्नाटक तथा द्रविड़ देशों पर भी श्रार्य-सम्यता का गददरा रग चढ़ा हुआ्रा
ईै। बसे तं दक्षिश मे समेश्वर शोर लका तथा भारत के बाहर भी चारों
योर के देशों में भी श्राय लोग पहुँच गए. थे शऔर उन्होंने वहाँ पर श्रपनी
सस्यत्ता की छाप लगा दी थी
मघ्ययुग म मध्यद्श के त्रथ करन मे मनुस्मांत के वणन का स्पष्ट प्रभाव
देख पड़ता है । कुछ लेखों ने तो मनुस्मति के शब्द प्राय. ज्यों के त्यों
११] नानक १, ८० मे दी प्यापारिय दा वन हूं ले! उकल (उत्कल ये उपपैसा) से मसडिकिम देस
। स८,देरा ) फो चोर पाना दर रे थे ।
(” ' ५ पए८ १८०४५, प्र १०१, नोट नई 1
(९) ९० गा० ए० छो०, १९०४, पृष्ठ ८३ 1
१४) इ० एं० १६२१, एए ११० में भारत के याइर के देशों में भाततीय लोगों के चाने का कद
दरान है ।
दिटुइरम एस बुधियर -उर चाइएं दटियट साग ९4 पउ
न पुस्तक में म।रन के य। हर के देशों में
५ मे प्रभार ८, दिसइत घंगाए डक नि न दर
'छिने देशों के सब य में इस भाय में हिला गया है--
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