यसप्रणीतं | Shan’karaachaayekuuta
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
527
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ही (१२)
प्रतिपाद्यविषद्ध्र: । स््फ
नानां वैकल्पिकनियमकथन, '**.. ५९
विकल्पेन सम॒च्चयेन वा प्रतीकोपासनाया ऐच्छिकर्व, ६ ०
विकल्पसमुच्चययोयाथाकास्य, ' «० ६१-६६
उक्ताध्यायस्य चतुर्थपादे।
आत्मज्ञानस्थ स्वतन्त्रत्व॑ न क्रत्वर्थत्वं कर गन
ऊचष्वरेतोरूपाश्रमाणामसित्वव्यवस्थापन॑, १ वर्णकं
लोककामिनामाश्रमिणां ब्रह्मनिषछानहत्व, २ वणकं १ ८-२०
उद्दीथावयवस्योड्गरस्य ध्येयवं, . --«.. «-« २१-५२
औपनिषदाख्यानानां विद्यास्तावकतं, .... --. २३-९४
आत्मबोधस्य कर्मानपेक्षवभ्ू , ... ---.. ««..... २५
विद्याया: स्वोत्पत्ती कर्मसापेक्षतवम् , --«... -... २६-२७
आपदि सर्वानान्यनुज्ञान॑ ---... «+«... «८... २८-३१
विद्यार्थानामाश्रमधर्माणाश् यज्ञादीनां सरुदन्ठानं, ३ २- ३७
अनाश्रमिणो ज्ञानसम्भावनमू , .. --... «३६-३९
आश्रमिणामवरोहाशावनिरूपणमू , ---... --«.. 9७
खष्टोध्वरेतसः प्रायश्चितसह्धावः, . -««.. «४१-४२
ख्टो्वरेतसः प्रायश्चि्स्थ आमुष्मिकशुद्धिजनकस्ं
तादशशुद्धिमतों व्यवह्दारानईवश्व, ... «.... ४३
उपासनरस्य ऋत्विकूकर्मत्वम् , .... -..... ... 99-9६
मौनस्य विधेयत्वम्, ---... -..- अत
बाल्यस्य भावशुद्धित्व॑ न वयःकामचारोभयत्वमू , ७८
इह वा जन्मान्तरे वा ज्ञानोत्पत्तिरिति ज्ञानोत्पतते:
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