व्यापारिक सन्नियम सिद्धान्त एवं व्यवहार | Vyaparik Sanniyam Siddhant Avam Vyavahar

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Vyaparik Sanniyam Siddhant Avam Vyavahar  by बी॰ एम॰ भदावा - B. M. Bhadava

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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व्यापारिक सचियम का परिचय/7 वस्तु होना चाहिये । जिनके परिणामों को पक्षक्वारों द्वारा कभी गम्भीरता से न लिया न श् उदाहुरण--मंशुल ने भारत को अपने यहाँ राय भोजन पर आमस्त्रिति किया किया जिसे भारत ने स्वीकार भी कर लिया । कुछ कारणों से भारत, भंशुल के यहाँ भोजन पर नहीं पहुँच सका तो झंशुल श्रपने मित्र भारत के विरुद्ध वैधानिक रूप से करार को लागू नहीं कर सकता । (5) पक्षकारों की ध्दुबन्ध क्षमता (ए०एधव०प्रा ८्0शघंछि 0 एव एहीनन झनुवन्ध करने वाले पक्षकारों में श्रनुवन्ध करने की क्षमता होनी चाहिये । भारतीय श्रनुवन्ध झ्धिनिमय के अनुमार केवल निम्नलिखित व्यक्ति श्रमुवन्थ करने के योग्य है-- (1) वयस्क व्यक्ति, (7) जौ व्यक्ति स्वस्थ-मस्तिप्क का है, 0) राजनियम द्वारा अनुवस्ध करने के श्रयोन्य घोषित नहीं है जैसे--राप्ट्रपति, राज्यपाल, दिवालिया, राजदूत आदि 1( ये व्यक्ति श्रमुबन्ध नही कर सकते 1) (6) पक्षकारों की सवतन्त्र सहमति (८८ 0८०56! 0 1४ फपं08)-- करार को बेघ ग्रनुदन्ध बनाते के लिए ग्रावश्यक है कि उसके पक्षकारों वी सहमति स्वतस्त्र हो । यदि निम्नलिखित तत्वों में से किसी के कारण सदमति प्रदान नही की गई है तो उसे स्वतन्त्र सहमति कहेंगे (1) उत्पीड़न, या (धारा 15) (1) श्रमुचित प्रभाव, या का (धारा 16) (पर) कपट, या ! (घारा 17) (1४) अन्यथा कथन, या (घारा 18) (५४),गलती |. हे (घाराएँ 20 से 22 तक) (7) बेधानिक ्त्तिफल ' (1.५! (०प्रजतधशपं0ा)--विना प्रतिफल के अनुबन्ध शून्य होता है श्रत: जब दो या दो से अधिक व्यक्ति श्रनुवन्ध करते हैं तो उनका कोई न कोई प्रत्तिफल अवश्य होता है । यह श्रावश्यक नही है कि -प्रमिकल नकद हो या वस्तु के रूप में हो। (8) बेघानिक उद्देश्य (18०1 0छुंट20--श्रनुवन्ध की बंधता के लिए करार के उद्देश्य का भी वैध होना आवश्यक है । निम्नलिखित परिस्थितियों को छोड़ कर श्रन्य दशाओ में प्रतिफल वैध साना जाता है (ना (1) वहू राजनियम द्वारा वर्जित हो, था (ऐ) चह कपटमय हो; या हो ) उससे किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर या सम्पत्ति को हानि पहुँचती हो, या लपराान 1... *ए०ए2लड पाप 90 95 उफ0ड ऐ वा उप _ 00 फ़डड फ़ाउटाइ 0 एटियडपालिक , बपरत ५घठीफ्रवडिड, आशा उपट्परंड् छड फिट फवांटिड (0 घवस्ट बाज बडएर दिए भवन 80न्ट४ट1. उ.णप 500१2],




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