अपने इसी शहर में | Apne Isi Shahar Me

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Apne Isii Shahar Me by डॉ. रामकृष्ण सोमानी

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इन थलिया मे छिपा लिया ? ऐसे ही हाथो मे पेट की थैलियाँ लटकाये आँखों के गढों मे भयानक आक्रोश छिपाये लाशों का जुलूस अभी अभी इघर से गुजर गया 1 इस जुलूस ने पोस्टरो पर लिखा है- शहर की सभ्यता को चारों ओर से घेरेंगे, आसमान पर अपनी पेट की आग बिखरेगे, मनुष्यों के मुँह में हाथ डाल आँतों को बाहर खीचेंगे ।'' तब से ही आसमान तक तनी छतें आपस में गले मिलने लगी हैं ? राजभवनों में कालीनों पर जमी कुर्सियाँ पास-पास खिसक कर फुस-फुस करने लगी हैं ? पता नहीं क्यों ? (१५) का पय




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