अपने इसी शहर में | Apne Isi Shahar Me

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : अपने इसी शहर में - Apne Isi Shahar Me

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ रामकिशन सोमानी - Dr. Ramkishan Somani

Add Infomation AboutDr. Ramkishan Somani

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
इन थलिया मे छिपा लिया ? ऐसे ही हाथो मे पेट की थैलियाँ लटकाये आँखों के गढों मे भयानक आक्रोश छिपाये लाशों का जुलूस अभी अभी इघर से गुजर गया 1 इस जुलूस ने पोस्टरो पर लिखा है- शहर की सभ्यता को चारों ओर से घेरेंगे, आसमान पर अपनी पेट की आग बिखरेगे, मनुष्यों के मुँह में हाथ डाल आँतों को बाहर खीचेंगे ।'' तब से ही आसमान तक तनी छतें आपस में गले मिलने लगी हैं ? राजभवनों में कालीनों पर जमी कुर्सियाँ पास-पास खिसक कर फुस-फुस करने लगी हैं ? पता नहीं क्यों ? (१५) का पय




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now