राजस्थान कोषागार नियम | Rajasthan Koshagar Niyam

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Rajasthan Koshagar Niyam by हरी सिंह - Hari Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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7/राजस्थाव कोषागार नियम (कर). राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा आथ के रूप में. प्राप्त “शशि को सीधे ही निगम हारा निर्धारित नियमों के अनुसार किन्हीं टिकटों के किराये को वापिस करने के लिये व्यय किया जा सकता है । (डा) सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा आवश्यक चलाथे जा रह कार्यों के सम्बन्ध में प्राप्त राजस्व की राशि को अस्थाई तौर पर सीधे ही व्यय किया जा सकता है । (ट) मुद्रण एवं लेखन सामग्री द्वारा प्रकाशन के सम्बन्ध में प्राप्त राशि को सीधे ही प्रकाशन करने पर व्यय किया जा सकता है । (ठ) मोटर-गेरेज विभाग द्वारा उनकी कारों के किराये आ्रादि के रूप म प्राप्त अग्रिम राशि में से वास्तविक किराये की राशि घटाकर शेष राशि सीधे ही वापिस की जा सकती है । (ड) लोक सेवा श्रायोग, राजस्थान, श्रजूमेर को परीक्षा शुल्क श्रादि के रूप में प्राप्त डिमाण्ड-ड्राफ्ट श्रथवा पोस्टल-ग्राडेर के रुप्र में प्राप्त धनराशि को स्टेट बैक झाफ वीकानेर एण्ड जयपुर में चालू खाते में जमा करवाया जा सकता है । प्राप्त राशियों क़ो दो दिन में जमा कराना श्रावृश्यक है । एसी झ्राज्ञा जिसके श्रनुसार राजस्व एवं विभागीय प्राप्तियों को सीधे ट्टी नियोजित करने के सम्बन्ध में अनुमति दी जायेगी-वहू विशिष्ट रूप से वित्त विभाग द्वारा प्रसारित की जायेगी । टिप्पणी:--नियम 7 के प्रारम्भ में प्रावघान किया हुंग्रा है कि प्रत्येक राज्य कमेंचारी श्रपनी शासकीय हैसियत के कार्य जो राजस्व प्राप्त करता है उसे तुरन्त ही श्रर्थात्‌ अगले 2 कार्य दिवसों में कोषागार/विक में जमा करवा देना चाहिये । जहां परिस्थितियां एसी हों कि 2 दिन में घनराशि का जमा करवाया जाना व्यव- वहारिक रूप में सम्भव नहीं हो तो सरकार से निर्देश प्राप्त कर विभागाध्यक्ष एन विशिष्ट मामलों में राशि को जमा कराने की सीमा श्रधिकतम 5 दिन तक वढ़वा सकते हैं । श्रघिकतम सीमा के उपरान्त भी इस वात का प्रयत्न रहना चाहिये कि जैसे ही कोई घनराशि कार्यालय अथवा अधिकारी को प्राप्त हो उसको यथा-सम्भव निर्धारित अवधि से पूर्व ही कोषागार /वैंक में जमा करवा देना चाहिये। सरकार ने इस सम्बन्ध में निम्न प्रकार आदेश दिये डैं &5. नियम 2 में यह प्रावघान किया हुआ है कि राजकीय झाय/राजस्व नी राशि उसके प्राप्त होने के दिव से 2 दिन में अथवा अधिकतम 5 दिन में राज- कोष में जमा हो जानी चाहिये । इस नियम के अन्तर्गत ऐसी राशि के जमा कराने की व्यवस्वा को और भी, सिम्न प्रकार से, स्पप्ट किया जाता हैः-- (1) जिन स्थानों प्र कोपालय अथवा वेंक नहीं है श्रुधवा .निकट ही स्थित नहीं हैं एवं वहुत दूर हैं वहां ऐसी घनराशियां उनके प्राप्त होने के दिन से 3 दिवस




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