सामाजिक प्रतिकर्माण | Samajik Partikarman

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Samajik Partikarman by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(०) ॥ झध तस्सछत्तरीनी पाठी लिख्यते ॥ तस्स उत्तरी करणोेणं, पायान्चित करणेणं, विसोही करणेएं, विस्ली करणेणं, पावाणं कम्माएं, निम्चायशुछाए, ठापि करेमि का रुसर्ग, घ्प्रन्नन्न उस सिएएं, निससिएणं, खा सिएणं, ठीएणं, जंजाइएणं, चहुएएं, वायनि सर्गेणुं, नम लिए, फ्त्तिमुन्ाए, सुहमेहिं च्यंग संचालेहिं,सुहुमेहिं खेलसंचार्लोहि, सुटुमेहिं दि छिसंचालेहिं. एवमाइएहिं, घ्पागारेहिं, छम जग्यो, उप्र विराह्िठ, हुक में कालस्सग्गो, जाव रिद्ताएं, नगवेताएुं, नसुकारेणुं, नपारेमिं, ता वकायें, ठाएणं, मोशेण, फाएपं, घ्पप्पाएं वोसिरामि ॥ १ ॥इति॥ 8४॥ ट् कक, चना अधे-त रस के ०तेने ज, चचरी के० विशोपे करी शुश, करणशेणं के० करवा साठूं पायछ्ित के० प्रायश्विच




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