आत्मतंत्र दर्शन | Aatma-Tantra Darshan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
147 MB
कुल पष्ठ :
373
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नारायण विष्णु जोशी - Narayan Vishnu Joshi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अत्म-तत्र दशन
....... से प्रमाणभूत ज्ञान किस प्रकार प्राप्त किया जाय ? हमारे पास...
_..... एक ऐसी कसौटी अथवा ज्ञान प्राप्त करने की विश्वसनीय विधि...
_..... (स्क0त ) होने की आवश्यकता है कि जिससे हम धार्मिक
....... छंधश्रद्धा की दलदल में न फिसलते हुए सत्यज्ञान को प्राप्त.
कर सके | पा गन
सबसे पहिले बेकन (फ्रांसिस) ने अपने “७४ 078#ए00९
सें प्रकृति-विषयक ज्ञान को व्यवस्थित करने के लिये वैज्ञानिक...
पद्धति की रूपरेखा निधारित की । बेकन ने बतलाया कि हम रोज-
मरा के अवलोकन द्वारा प्रकृति का यथाथ ज्ञान प्राप्त नहीं कर...
. सकते । क्योंकि हमारे साधारण अवलोकन में अनेक प्रकार के
_ पू्वं्रह और रालतफहमियाँ होने के कारण अयथाथता आ जाती...
......है। इन पू्वे्रहों और ग़लतफहइमियों से, जिन्हें बेकन 1त015
कहता है, हमें स्वेप्रथम अपने ज्ञान को मुक्त करना चाहिये।
...... त्तत्पश्यात् बेकन हमें अबलोकन-विधि ( प०८४:06 0 1पतेघट-
_..... ह08 ) का परिज्ञान कराता है । इस विधि के अलचुसार हम
छापने यथाथें अवलोकनों से ऐसी व्याप्तियों को श्राप्त करते हैं...
...... जिनके द्वारा हम बाह्य जगत् के वस्तुवृत्तों ( एर४०६5 ) की व्यवस्थित...
. बुद्धि को अत्यधिक सहायता पहुँची । इसके द्वारा वैज्ञानिक धीरे-
धीरे प्रकृति के रहस्य उद्घाटन करने लगे मर गा
_ रूप से व्याख्या कर सकें । बेकन की इस झवलोकन-विधि से...
User Reviews
No Reviews | Add Yours...