भूगोल के कुछ आधार | Bhugol Ke Kuchh Aadhar

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Bhugol Ke Kuchh Aadhar by डी॰ एम॰ प्रीस - D. M. Pris

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२ भूगोल के आधार भास होता है। १८वीं सदी के अन्त तक मानचित्रों का महत्त्व स्पष्ट हो चुका था और त्रटिहीन विस्तीणं मानचित्रों के यग का सुत्रपात हो चका था । इसमें रायल सोसायटी से विशेष प्रोत्साहन मिला । १ मील प्रति इंच के मानचित्रों में सबसे अच्छे नकयों पर इनाम देकर मानचित्रांकन को रायल सोसायटी ने विशेष बढ़ावा दिया । सन्‌ १७४५ के बलवे में ब्रिटिग सेना को ठीक-ठीक मानचित्रों की आवद्य- कता हुई और स्काटलंड के उच्च प्रदेशों के यथाथे 'गनचित्र बनाये जाने लगे । मेजर जनरल रॉय के निरीक्षण व आदेश में इस प्रकार के मानचित्रों का बनना शरू हुआ । लड़ाई के बाद रॉय को ग्रेट ब्रिटेन की पमाइन और भूमिति विभाग का अध्यक्ष नियक्त कर दिया गया। १७९० में उनकी मृत्यु हो गई परन्तु के वाद ही ग्रेट ब्रिटेन के त्रिभूजीकरण के लिए तंयारी शुरू हो गई । त्रिमजीकरण (11181 918 1011 )--एक. विदवेष प्रकार की पैमाइश का नाम है। इसका आधारभूत सिद्धान्त यह है कि यदि किसी त्रिभुज की एक भुजा और दो कोण ज्ञात हों तो अन्य दो भुजाओं की लम्बाई भी पता लग सकती ह। नीचे चित्र १--त्रिभुजीकरण का सिद्धाग्त दिये हुए चित्र में '4' 'ब' और 'क' प्रमुख स्थल रूप हे । अब यदि आधार रेखा 'अ ब' की लम्बाई मालूम हैं और 'अ क' तथा 'अ ब क' कोण के अंध भी पता हो जायें तो ब क' तथा 'अ क' रेखाओं की वास्तविक लम्बाई ज्ञात हो सकती है। यदि 'ख' एक दूसरा प्रमुख स्थलरूप है तो कोण 'ख कब' और 'कबख' को नापकर तथा “'बक' रेखा की निकाली हुई लम्बाई को आधार मानकर 'क ख' और 'ब ख रेखाओं की वास्तविक लम्बाई भी निकाली जा सकती हूं। इस प्रकार निरीक्षण या पेमाइश करने वाला एक त्रिभुज के बाद दूसरे त्रिभुज की पेमाइडा करता हुआ आगे बढ़ता है। एक बार आधार रेखा को निकाल लेने के बाद फिर रखाओं की दूरी नापने की भी कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है । ग्रेट ब्रिटेन के प्रथम त्रिभुजीकरण (11180 2्0180ं011) के लिए दो आधार- रेखाये नापी गई । एक तो सेलिसबरी मेदान में और दूसरी आयरलेड में लफ फायल के समीप । बाद में परीक्षा के रूप में त्रिभुज की एक भुजा को स्काटलेड में नाप लिया गया । त्रिभुजीकरण इतना ठीक था कि एक मील में केवल एक इंच की भूल .दिकली । त्रमुजीकरण (18010) में कोणों को नापने के लिए थियो- डलाइट (५16०00116) नामक यन्त्र को प्रयोग में लाते है । प्राथमिक श्रिभूजीकरण के




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