बीस कवियों की समालोचना | Bees Kaviyon Ki Samalochana
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about दीपनारायण द्विवेदी - Deepanarayan Dvivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( रे)
( ग ) कालिं करन री आल कर, आज करन सो 'घब्य |
पल में पराय होयगी, यतुरि करेगा फरय ॥ !
( देसती नया श्रनगद भाएं हे
(ग) फीन ढगया गगरिया लुटल हो ।
सन्डन वाद को घनल स्यटोलना, तापर छुलडिन सूनत ये ॥
उदासी ससी मोरि सोय सेयारो मास उुलदा रुटल हो 1
ढक कह. ३ हक हकक | के के के # के हे का केक कक
( पूवी मापा )
(१) लघुता से प्रमुता मिलें, मभ्रुता से मभु दूरि।
चॉटी से सदर चली, हाथी फें सिर धूरि ॥
( खऱी दोली )
(९३ इसने के हस्क सस्ताना, हमन को शोशियारी फ्या 1
ही ्ाजाद या तंग से हमने दुनिया से बारी पया ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...