पार्टनरसहीप एकाउंट्स | Partnership Accounts

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Partnership Accounts by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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साभेदारी खाते 13 ख्याति के प्रकार (हित ० 0००01) ख्याति को विभिन्‍न जानवरों के स्वभाव के झराघार पर कई प्रकार का बताया गया है जिसका बणुन नीचे किया जाता हे -- दर (1) बिल्ली के स्त्रभाव की ख्याति (091 90060) --विल्‍्ली घर को बहुत महत्व देती है | चाहे घर का स्वामी वदल जाय लेकिन वह घर को नही छोडेगी । इसी प्रकार कुछ ग्राहकों की पुरानी दुकान से ही माल खरीदने की आदत पड जाती है चाहे इसके स्वामित्व मे परिवर्तन हो जावे । इस प्रकार की ख्याति का मूल्य सबसे अधिक होता है क्योकि प्रंस्येक क्रेता ऐसे व्यापार को खरीदना चाहेगा जिसकी न्याति स्थायी हो भर जिस पर मालिक भर कर्मचारियों मे परिवतेन का प्रभाव न पढे । (2) छुत्ते के स्वभाव की ख्याति (008 0000भण) --कुत्ता हमेशा भ्रपने मालिक के साथ रहता है । इसी प्रकार किसी दुकान में ग्राहक उसके स्वामी के कारण शझ्राक्षित होते है। स्वामित्व में परिवर्तन के साथ-साथ ग्राइक भी दुकान को छोड देंगे । यदि ख्याति का स्वभाव इस प्रकार का है तो इसका गुल्य भी कम होगा । (3) चूहे के स्वभाव की ख्याति (२४1 30069 --चूहे का लगाव घर श्रथवा स्वामी, किसी से नही होता । इसी प्रकार कुछ व्यवसायों की ख्याति स्थिर नहीं रहती । ऐसी ख्याति का सूल्य प्राय बहुत कम होता है । ख्याति का मुल्यांकन (#शाध्र8प्रंणा ण 0००0क्तता0 सुल्पांकन की परिस्थितिया--ख्याति एक ऐसी झहश्य झाक्षेण शक्ति है जो ग्राहकों को व्यवसाय की भीर आकर्षित करती है । सामेदारी फर्म के व्यवसाय काल मे कुछ परिस्थितिया ऐसी उत्पन्न हो सकती है जिनमे व्यवसाय की ख्याति का मुद्रा मे मूल्याकन करना भावश्यक हो जाता है । ये परिस्थतिया निस्नलिखित हो सकती है -- (1) जब साकियों के लाभ-विभाजन के अनुपात मे परिवर्तन होता है, (2) जब नया साकी प्रवेश करता है, (3) जब कोई साभकी अवकाश ग्रहण करता है, (4) जब किसी साभकी की सृत्यु हो जाती है, (5) जब व्यापार बेच दिया जाता है । सुल्याकन की विधिया--ख्याति के सूल्याकन की कई विधिया प्रचलित है । किस समय कौन सी विधि काम मे लाई जावे, यह बात परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं । इनमे से प्रमुख विधिया निम्न- लिखित है-- (1) घ्रौसत लाभ विधि (& रढा586 फा0०५. 60000) --पिछले कुछ वर्षों (प्राय तीन से पाच) के भौसत लाभ का कुछ युना ख्याति का मूल्य मान लिया जाता है । उदाहरण --माना कि स्याति का सुल्याकन पिछले पाच वर्षे के शौसत लाभ के तीन युने मूल्य पर किया जाता है तथा लाभ इस प्रकार है -- 2000 रु०, 4000 रु०;, 1000 रु० (हानि), 5000 स० धौर 6000 झु० क्रमश श्याति की राशि ज्ञात कीजिए ।




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