बिखरे चित्र | Bikhare Chitr

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Bikhare Chitr by वाशिंगटन इरविंग - Washington Irving

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रु भूमिका के साथ अपना का मेरे फसे पहिये मे लगा दिया । उनकी श्रनुकूल सिफारिशों से मरे ने श्रागे प्रकाशन का बीडा ले लिया--जिसे पहले वे इन्कार कर चुके थे । तब से मरे ही मेरे प्रकाशक हुए श्रौर श्रपने व्यवहार मे उस न्याय्य, स्पष्ट एव उदारतापूर्ण भावना का परिचय दिया जिसके कारण वे उचित ही 'पुस्तक- विक्रेताथ्रो के राजा” नाम से विख्यात हो गए है । इस प्रकार सर वाल्टर स्काट के कृपापूर्ण एव शभ्रनुकूल तत्त्वावधान मे मैने यूरोप में झपना साहित्यिक कार्य श्रारम्भ किया; और मुझे श्रनूभव हो रहा है कि मै उस स्वर्णिम हृदय वाले व्यक्ति के प्रति श्राभार प्रकट करके, शझ्रल्प मात्रा मे ही सही, उनके प्रति श्रपनी क़ृतज्ञता का ऋण चुका रहा हू । उनके साहित्यिक समकालीनों ने जब भी उनसे सहायता या सलाह मागी है तभी उन्हे उनकी उदार एवं प्रभावशाली सहायता तुरन्त ही प्राप्त हुई है | सनीसाइड, १८४८ वा० ०




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