गंगोजमन (उर्दू कवितायेँ ) | Gangojaman (Urdu Poems)
श्रेणी : उर्दू / Urdu, काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
208
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)साहेब 'मसीह बनारसीका भी हैं, जिनका दमार बनारसके
मुमताज हकीमोमे होता है और जो अलावा एक माहिर
तबीबके एक अच्छे शाइर है और जिनकी सबसे बडी खूबी
यह हैं कि अदब दोस्त” और अदब नवाज है ।
गजल मेरा मिजाज है और मैं गजलको और अस्नाफे
३ ०५ च्क ऑ 553
सुखन के मुकाबलेमे मुश्किल समझता हूँ। मेरा खयाल है
कि खुसुसियातें गजल के साथ गजल कहना आसान नहीं ।
गजलमे इस बातकी पूरी सलाहियत मौजूद है कि वह
जुम्ला _ खयालात-व-तअस्सुरातको बखूबी. . और बआसानी
पेश कर सके । इसका दामन खासा वसीअ . हैं और इसकी
१७
तंग दामानी.... और तुनकजर्फी का दिकवा अबस है ।
मम बन, 2... थम ट् दि कि प्
इसके दामनसे गमेदौरों * और गमेजानों दोनोकों पनाह
मिली है और मिलती रहेंगी । मेरा ही एक शेभुर है ।
गमें दौरॉन हुआ या गमे जानो न हुआ ।
कौन-सा गस मेरा शर्मिन्दए एहसॉ * न हुआ ॥।
मे तो इन दोनोको एक-दूसरेसे अलग चीज समझता ही
नही हूँ ।
मैं बोअरगोई' को न सिर्फ अदब * बल्कि कौमियत
की एक बहुत बडी ख़िदमत समझता हूँ । मेरी नजरमे जबान
१ गणना, २ प्रमुख, २ कुशल चिकित्सक, ४ साहित्य प्रेमी, ४५ सादित्य सेवी,
६ स्वभाव, ७ काव्य-मेद, ८ गजलकी विशेषताएं, & योग्यता, ० समस्त, ११ कल्प-
नाओं एवं उद्गारों; १२ मलीमभाँति, १२ पर्याप्त विशाल, १४ संकुचित होने, १५ सकी-
शुता, १६ शिकायत, १७ व्यथं, अनगल, रै८ कालचक्रका शोक, १४ प्रंमशोक
२० भारी २१ काव्य रचना, २२ साहित्य, २३ राष्ट्रीयता ।
बयाँ मेरा ज़बाँ मेरी १५७
*
User Reviews
No Reviews | Add Yours...