राजस्थान शिक्षा कानून संग्रह | Rajasthan Shaksha Kanun Sangrah
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
450
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पी॰ के॰ चौरड़िया - P. K. Chauradiya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रे राजस्यान बिक्षा नियग संटिता
(१) यह कोउ दिनांक १३--द-१६४७ से प्रभावणील होगा ।
(२) जब तदा प्रसंग से दूसरा घशिप्ाय नहीं निकले, दस कोड से सिवस-ण
(प्र) सार्वजनिक प्रवन्च के अन्तर्गत सभी थिक्षा संस्वामों तथा |
(व) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तथा सहायता प्रदन ((९९00टएइ00 हट 1000)
निजी क्षेत्र को समस्त शिक्षण संस्थाम्रों, पर लायू होगे 1
सोद:--इस कोड के नियम सभी शिक्षण संस्थाद्रों , नाहें वे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एवं नहावता
प्रदत्त हों श्रौर सार्वणतिक प्रवन्ध या निजी क्षेत्र में कही भी हों; पर समान रुप से ला
होगे ]
डटिप्पछीः:--इस घारा का अ्रभिप्राय यह है फि यह काउ सभी शिक्षण संस्थाम्रों पर समान रुप से
लागू होगा म्ौर जो संस्वाएं सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है या जिनको सरकार हारा
सहायता दी जाती है, को भी इस कोड के नियमों का पालन करना पढ़ेगा । अर्थात
निजी क्षेत्र की संस्थायें यदि दस फोठ के परिपालन के उत्तरदायित्व से सुक्त होना चाहें
तो वे ऐसा नहीं कर सकेंगी । जहां तफ इस कोड में उल्लिसित नियमों के लाथू होने का
प्रश्न है, सरकारी त्तधा गेर सरकारी मान्यत्ता प्राप्त संस्थायें थिक्षा विभाग की हष्टि में
एक समान होंगी ।
परिभापायें
जब तक कि प्रसंग से किसी अन्य ग्र्थ का श्राश्यय न हो; इस कोड में निम्नलिखित परिभापायें
लाशू होंगी*---
(१) सहायक संचालिका से श्रभिप्नाय है राज्य के बालिका विद्यालयों ((उरंत1४ 8०00015)
की कोई सी सहायक संचालिका |
(२) विभाग (10601 0671) से तात्पर्य राजस्थान णिक्षा-विभाग, जो कि शिक्षा संचा-
लक के श्रधीन है श्रौर जिसमें राजस्थान के शिक्षा सचिय द्वारा प्रबन्धित स्नातक तथा स्नातकोत्तर
(06९766 फा00 9088 छुए9तें पा) कालेज भी शामिल है, से है ।
(३) स्नातक महाविद्यालय (10687९6 (01९6 से उस संस्था का श्रभिप्राय है जो कि
विषवविद्यालय से सम्बद्ध हो गौर जो कि उसकी किसी भी स्नातक स्तर के शिक्षण की व्यवस्था
करती हो।
(४) संचालक से श्रभिप्राय राजस्थान के शिक्षा संचालक से है श्र उप संचालक का तात्पर्य
भी राज्य के दिक्षा-विभाग के किसी भी उप-संचालक से है ।
(५) सरकार से अभिप्राय राजस्थान सरकार से है ।
(६) श्रमिभावक से श्रमिप्राय उस व्यक्ति से है जिसने कि भ्रपने संरक्षित
तथा उसकी रक्षा की जिम्मेदारी ले ली हो ।
कि रत में उच्चतर माध्यमिक शालायें तथा बहुउदद शीय उच्चतर माध्यमिक शालायें भी
(५) छात्रावास श्रधीक्षक ( ०89 5िएए6लं चित
है जो कि किसी छात्रावास की व्यवस्था देखता हो,
जाता हो ।
छात्र के सदाचरण
) से भ्रमिप्राय उस व्यक्ति से
फिर चाहे वह किसी भी पद से क्यों नहीं पुकारा
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