सामाजिक समस्याएँ और विघटन | Samajik Samasyaee Aur Vighatan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Samajik Samasyaee Aur Vighatan by रागेय राघव - Ragey Raghav

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रागेय राघव - Ragey Raghav

Add Infomation AboutRagey Raghav

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
फिधडन की प्रिया सदिशीव हो जानी है। इस प्रदार रपट हो है रि सामाजिक विधटन समाज में अस्यपर्था को जस्म देना है और इस प्रकार अप प्रिंट रूप मे आने पर यढ़ समाज के दिय जयारधनीय भी बन ना ही दूँ पेंट प्यान रखना होगा कि सामाजिक सरघना के किसी थी अग मे जाया हुआ! फिधलने के ऐके सी जग को हो प्वाविय सं करता । विपरीत: यह गम्पू्णे समाज के ढौच पर अपना पभाय दावता है। दंग प्रकार समान के एक अंग मे. जाया बुआ विचार गाम्यू समाज मे ही निपटने की सिवठ्धि सा देता है । इसे भी एक उदाद्रण मी सपप्ट कर सकतो हैं । समान की तुलना हुम एक शरीर हे कर सकल हैं । भय जिग प्रकार धरीर को हर अंग दूसरे भंग में तया एक प्रतार समर अगो से कुछ इस प्रद्वार सम्बन्धित है कि हिसी एड नग में पैदा ठुआ विदार सम्पूर्ण रीर के सम्तुलम को टी बाधित पर देता है उगी प्रहार हीं समाज के भी अंग सस्तमंस्वन्थित हैं । समाज एक भवपर (0ाएुण्पांडया ) है थी जविच्दय है। घस्तु इसी सुननात्मक हष्टि को सदूनजर रखते हुए हम कहें सफने हैं कि जब शरीर मा कोई एक भ्रग यया हाय अपने निश्चित कार्य को नढ़ी कर पाता हो मारे शरीर में ही सत्तुसन ढगमगां जाता है। इसी प्रकार यदि सामाजिक सह्याएँ जो कि समान रूपी घरीर के मग हैं अपना कार्य उचित रीति से नहीं कर पानी तो सामाजिक विधटन की स्थिति जागृत हो जाती है । सामाजिक विघटन--एक प्रक्रिया ( 00८55) इस प्रकार अब तक यह स्पष्ट हो गया होगा कि सामाजिक विघटन क्यों है। यही पर यह भी स्पप्ट होना चाहिए कि सामाजिक विपटन एक जटिस प्रक्रिया है । प्रक्रिया से तात्पयं निरन्तरता से है । जँसा कि प्रारम्भ में ही बतलाया जा चुका है कि पुर्ण सगठन या पूर्ण विघटन जैसी किसी चीज का कोई अर्थ नही होता । हर समाज हर समय फिंसी न किसी अश में सगठिति होता है और किसी न किसी अंश में विघटित भी । यह पूर्णतः सामाजिक संगठन की ही भाँति एक सामान्य (07151) प्रक्रिया है । उपयुक्त वात का. और भी विश्लेपण देते हुए हम कह सकते हैं कि बन अप “शीला आज 1... जेट, देन हे न 4. _. . .... जा... कं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now