हिन्दी सूफी काव्य में पौराणिक आख्यान | Hindi Sufi Kavya Me Poiranik Akhyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
374
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मनुकम १५
पष्ठ
पर द्वितीया का चद्रमा हाना--शिव का कामर्देव के सामने हार
जाना--शिव के कघे. पर दो हत्याएँ होना--शिव के द्वारा
अधवासुर कघकासुर का वध--शिव का श्रिनेत्र और योगी“ वर
हाना - शिव द्वारा श्रपुर-सहार--शिव द्वारा दक्ष प्रजापति को
मारना (उनका यत्त विध्वस करना) -- शिव का पावती के कहने
से कलास छोड देना--शुकदेव वा दो घड़ी से अधिक कही न
ठददरना--सती का सीता व वेश म राम को छलने वी चेप्टा,
शिव द्वारा सती का परित्याय--सत्ती का दस यज्कुण्ड मे कूद
कर अपन को भस्म कर देना--समुद्र का मथन विष्णु के
सहयोग से --सहदेव का पण्डित होत हुए भी चूक जाना--सूय
का राह द्वारा ग्रस्त होना--हनुमान द्वारा महिरावणपुरी
(पाताल) मे जाकर जमकातर तोड़ना भर महिरावण को
मारकर उसके बघधन स राम सष्मण को छुड़ा लाना--हनुमान
का आकाश से चढ़ना--इंनुमान द्वारा ऋषि रासस (कालनमि)
का वध करना--हनुमान द्वारा लका वी रखवाली करना, छह
महीने तक एवं पवत पर सात रहकर छठे महीन जागना गौर
जोर से हॉक लगाना--हनुमान का अजुन को ध्वंजा पर जा
बठना, जिससे अर्जुन की जीत होना--हरिश्चद्व राजा का नीच
क घर जल भरना (चाण्डाल का दास बनना) ।
७. सूफी प्रेमास्यानक काव्यो मे पौराणिक झार्याना का... २०२--२१३
प्रतीकारमक प्रयोग
सूफी कवियों के प्रतीक --भारतीम पौराशिक आख्यान--मार-
तीय पौराणिक पात्र, घटना तथा स्थान--हिंदी के मध्यका लीन
काव्य म माख्यानक प्रतीक-परम्परा ।
रस. सुफी प्रेमास्थानक काव्य में पौराणिक श्रास्यानों का... २१४--र४६
आलकारिक प्रयोग
'राम्गमण-स्लोत के आख्यानो के आलवारिक प्रयोग--सहाभारत
स्रोत के आाख्यानों के आलकारिक प्रपाग--पौराशिक-स्रात के
भात्यानो के आलंकारिक प्रयोग ।
€ हिन्दी सुफी प्रेमार्यानक काव्यो से झाख्यानक दुष्टात्त २४७-र५८
१० हिन्दी सूफी प्रेमास्यानक वाव्यो में पौराणिक आख्यानो २५९--२६४
वा उल्लेखात्मक प्रयोग
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