हिन्दी सूफी काव्य में पौराणिक आख्यान | Hindi Sufi Kavya Me Poiranik Akhyan

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Hindi Sufi Kavya Me Poiranik Akhyan by उमापतिराय चन्देल - Umapatiray Chandel

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मनुकम १५ पष्ठ पर द्वितीया का चद्रमा हाना--शिव का कामर्देव के सामने हार जाना--शिव के कघे. पर दो हत्याएँ होना--शिव के द्वारा अधवासुर कघकासुर का वध--शिव का श्रिनेत्र और योगी“ वर हाना - शिव द्वारा श्रपुर-सहार--शिव द्वारा दक्ष प्रजापति को मारना (उनका यत्त विध्वस करना) -- शिव का पावती के कहने से कलास छोड देना--शुकदेव वा दो घड़ी से अधिक कही न ठददरना--सती का सीता व वेश म राम को छलने वी चेप्टा, शिव द्वारा सती का परित्याय--सत्ती का दस यज्कुण्ड मे कूद कर अपन को भस्म कर देना--समुद्र का मथन विष्णु के सहयोग से --सहदेव का पण्डित होत हुए भी चूक जाना--सूय का राह द्वारा ग्रस्त होना--हनुमान द्वारा महिरावणपुरी (पाताल) मे जाकर जमकातर तोड़ना भर महिरावण को मारकर उसके बघधन स राम सष्मण को छुड़ा लाना--हनुमान का आकाश से चढ़ना--इंनुमान द्वारा ऋषि रासस (कालनमि) का वध करना--हनुमान द्वारा लका वी रखवाली करना, छह महीने तक एवं पवत पर सात रहकर छठे महीन जागना गौर जोर से हॉक लगाना--हनुमान का अजुन को ध्वंजा पर जा बठना, जिससे अर्जुन की जीत होना--हरिश्चद्व राजा का नीच क घर जल भरना (चाण्डाल का दास बनना) । ७. सूफी प्रेमास्यानक काव्यो मे पौराणिक झार्याना का... २०२--२१३ प्रतीकारमक प्रयोग सूफी कवियों के प्रतीक --भारतीम पौराशिक आख्यान--मार- तीय पौराणिक पात्र, घटना तथा स्थान--हिंदी के मध्यका लीन काव्य म माख्यानक प्रतीक-परम्परा । रस. सुफी प्रेमास्थानक काव्य में पौराणिक श्रास्यानों का... २१४--र४६ आलकारिक प्रयोग 'राम्गमण-स्लोत के आख्यानो के आलवारिक प्रयोग--सहाभारत स्रोत के आाख्यानों के आलकारिक प्रपाग--पौराशिक-स्रात के भात्यानो के आलंकारिक प्रयोग । € हिन्दी सुफी प्रेमार्यानक काव्यो से झाख्यानक दुष्टात्त २४७-र५८ १० हिन्दी सूफी प्रेमास्यानक वाव्यो में पौराणिक आख्यानो २५९--२६४ वा उल्लेखात्मक प्रयोग




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