सुकांत के सपनों में | Sukant Ke Sapano Men
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)-दस, उन पर हंसी आती है ।
हो हो, पीजी चुररोबायी दें बारे मे तो जान सो। मैं दुबारा
हागावाय गया दा । मालूम हुआ, दॉस्टर सबसे अत में वहाँ लव पहुँचा
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डॉक्टर मे बहा, “बुदिया दौरे से पागल हो गई है ।”
जरा शुम भी सोचना दि युदधिया पागल हो गई या.
यहाँ भी हसो / 15
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